यूपी चुनाव: दांव या मजबूरी? बीजेपी ने योगी 'विरोधी' को ही दी ब्राह्मणों को साधने की जिम्मेदारी
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यूपी चुनाव के मद्देनजर राज्य में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए एक कमेटी बनाई गई, जिसके अध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला बनाए गए हैं. शुक्ला और सीएम योगी के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुट गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ठाकुरवाद की राजनीति के विपक्षी आरोप के बीच बीजेपी को लगने लगा है कि यूपी में ब्राह्मण समुदाय की नाराजगी सूबे में सत्ता की वापसी में सबसे बड़ी बाधा न बन जाए. ऐसे में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर हुई बैठक के बाद एक कमेटी बनाई गई, जिसके अध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला बनाए गए हैं. शुक्ला और सीएम योगी के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं.
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.