यही वक्त है, मोदी को किसानों से बात कर मनमुटाव दूर कर लेना चाहिए
The Quint
farmers protest: मोदी सरकार का खरीफ धान फसल की MSP बढ़ाना, बीजेपी-कांग्रेस को मिले राजनीतिक चंदे और केंद्र-केजरीवाल सरकार की तकरार, राघव बहल हाल की घटनाओं पर अपनी बेबाक राय, narendra modi should talk to protesting farmers amid msp rise of paddy crop
मोदी सरकार का खरीफ धान फसल की MSP बढ़ाना, बीजेपी और कांग्रेस को मिले राजनीतिक चंदे और केंद्र- केजरीवाल सरकार की तकरार, द क्विंट के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल हाल की घटनाओं पर अपनी बेबाक राय पेश कर रहे हैं.पीएम को अब किसानों से सीधे मुखातिब होना चाहिएमोदी सरकार ने खरीफ धान फसल की MSP आकर्षक 72 रुपये प्रति कुंतल बढ़ा दी है, जो कि प्रतिशत के मामले में पिछले साल से ज्यादा है. ऐसा करने के पीछे कृषि अर्थशास्त्र का तर्क हो सकता है, लेकिन मैं मानता हूं कि सरकार ने इसके जरिए प्रदर्शनकारी किसानों को राजनीतिक संदेश दिया है. ये एक स्वागतयोग्य पहल है, खासकर पंजाब और हरियाणा में आढ़तियों को बाईपास कर किसानों के बैंक अकाउंट में सीधी पेमेंट देने के बाद.कहा जा रहा है कि किसान जल्द और समस्या-मुक्त डायरेक्ट पेमेंट मॉडल से खुश हैं, हालांकि कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन इतने तीव्र हैं कि ये ‘खुशी’ जाहिर नहीं हो पाई. लेकिन इससे किसानों और सरकार के बीज दुश्मनी के बीच थोड़ा सद्भाव कायम किया जा सकता था. प्रधानमंत्री मोदी को खुद सीधे प्रदर्शनकारी किसानों से मुखातिब होकर कहना चाहिए, "देखो मैंने MSP बढ़ा दी, खरीद प्रक्रिया में सुधार किया है और कानूनों को 3 सालों तक रोकने का भी ऑफर दिया है. अब मुझ पर भरोसा कीजिए कि हमारी बातचीत बिना किसी शर्त और खुले दिमाग के साथ होगी. आप प्रदर्शन खत्म कीजिए, मोर्चे खाली कर दीजिए और बातचीत करने आइए. मैं निजी तौर पर बातचीत को मॉनिटर करूंगा." मुझे लगता है ये काम करेगा, बशर्ते संदेश सीधे पीएम से जाए और किसी से नहीं.ADVERTISEMENTभारतीय राजनीति पर 'नेटवर्क इफेक्ट' का प्रभावभारतीय राजनीति अब इंटरनेट की नकल कर रही है. कैसे? दोनों पर 'नेटवर्क इफेक्ट' का प्रभाव होता दिख रहा है और 'विजेता' के हाथों में ही सारे संसाधन आ गए हैं. हां, आपने सही अंदाजा लगाया है. मैं राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की ही बात कर रहा हूं. बीजेपी को कांग्रेस से 5 गुना ज्यादा चंदा मिला है. बीजेपी को 750 करोड़ और कांग्रेस को 139 करोड़ रुपये डोनेशन में मिले. अगर मैं आपको एक स्थिति दूं कि बीजेपी का नेशनल वोट शेयर 38% है और कांग्रेस का 19%, तो अगर चंदा इस फायदे से ज्यादा मिला कि ‘विरोधी के मुकाबले ज्यादा ताकत है’ तब भी 3:1 का रेश्यो समझ में आता. लेकिन 5:1, वो भी जब ...More Related News