मोदी सरकार के इस फैसले पर अमेरिका ने जताया कड़ा ऐतराज, कहा- दुनिया भर में बढ़ जाएगा संकट
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भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसे लेकर वैश्विक बाजार में अफरातफरी की स्थिति है. अमेरिका ने प्रतिबंध को लेकर भारत से कहा है कि उसे उम्मीद है कि भारत अपने फैसले पर दोबारा विचार करेगा. अमेरिका का कहना है कि भारत के इस कदम से विश्व का खाद्य संकट और गहरा जाएगा.
भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच अमेरिका ने भारत से कहा है कि उसे उम्मीद है कि भारत गेहूं निर्यात पर लगाए प्रतिबंध के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा. अमेरिका का कहना है कि भारत के इस कदम से मौजूदा वैश्विक खाद्य संकट और गहरा जाएगा.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहले से ही गेहूं की किल्लत हो गई थी जिसकी भरपाई भारत कर रहा था. रूस और यूक्रेन मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाजार को एक तिहाई गेहूं की आपूर्ति करते हैं लेकिन युद्ध के कारण दोनों देशों की तरफ से बाजार को गेहूं नहीं मिल पा रहा है. अभी ये स्पष्ट नहीं है कि रूस-यूक्रेन युद्ध कब खत्म होगा. ऐसे में भारत की तरफ से भी गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी गई है जिससे कई देशों में खाद्य संकट गहरा गया है.
भारत के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध भोजन की कमी को और बढ़ा देगा.
हिंदूस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका को उम्मीद है कि भारत गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा. भारत के इस फैसले से मौजूदा वैश्विक खाद्य संकट और बदतर होता जाएगा. हमने भारत के फैसले की रिपोर्ट देखी है. हम देशों से कह रहे हैं कि वो निर्यात को प्रतिबंधित न करें क्योंकि हमें लगता है कि निर्यात पर कोई भी प्रतिबंध भोजन की कमी को बढ़ा देगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत दूसरे देशों की तरफ से उठाई जा रही चिंताओं को सुनेगा, अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा.'
जी-7 भी कर चुका है गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध की आलोचना