
मैं मनहूस हूं...मेरे साथ काम मत करो- जब अमिताभ बच्चन से बोले 'लिलिपुट', साथ फिल्म करने से किया मना
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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लिलिपुट के नाम से मशहूर एम एम फारुकी ने अपने सफरनामे पर बात की और साथ ही बताया कि क्यों वो खुद को मनहूस मानने लगे थे. लिलिपुट ने बताया कि एक के बाद एक लगातार अमिताभ बच्चन के साथ की उनकी फिल्में बंद हो रही थी. उन्हें लगने लगा था कि वो मनहूस हैं. इसका जिक्र उन्होंने एक्टर के सामने कर दिया था.
इंडस्ट्री में एक्टर्स अक्सर ही किसी ना किसी अपवाद के शिकार होते हैं. ऐसी ही एक बुरी सोच सीनियर एक्टर लिलिपुट यानी एम एम फारुकी के मन में भी घर कर चुकी थी, जिसका खुलासा उन्होंने अब किया है. एक्टर को लगता था कि वो मनहूस हैं. उन्होंने अपनी उस अंधविश्वास वाली सोच का जिक्र अमिताभ बच्चन के सामने भी कर दिया था. हालांकि बाद में उन्हें अफसोस हुआ कि वो क्यों इस सोच में बंधकर उनके साथ काम नहीं कर पाए.
खुद को समझा मनहूस
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लिलिपुट के नाम से मशहूर एम एम फारुकी ने अपने सफरनामे पर बात की और साथ ही बताया कि क्यों वो खुद को मनहूस मानने लगे थे. बॉलीवुड ठिकाना को दिए इंटरव्यू में लिलिपुट ने बताया कि एक के बाद एक लगातार अमिताभ बच्चन के साथ की उनकी फिल्में बंद हो रही थी. उन्हें लगने लगा था कि वो मनहूस हैं. इसका जिक्र उन्होंने एक्टर के सामने कर दिया था. वहीं उन्हें सामने से उनके साथ फिल्म करने से मना भी कर दिया था.
लिलिपुट बोले- मैं ताश खेल रहा था तभी मुझे सुभाष घई का फोन आया, जिन्होंने मुझे अपने दफ्तर में मिलने के लिए बुलाया. मेरे पास बांद्रा जाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए मैं जिन लोगों के साथ ताश खेल रहा था, उनमें से एक ने मुझे वहां पहुंचाया. सुभाष जी ने मुझसे कहा, 'मैं एक फिल्म बना रहा हूं, शेरबहादुर और उसमें अमिताभ बच्चन हीरो होंगे और तुम विलेन.
अमिताभ के साथ काम करने के लिए छोड़ी फिल्में
उस वक्त लिलिपुट पहले से ही सागर, अमीर आदमी और शरारत समेत कई फिल्मों को साइन कर चुके थे. लेकिन सुभाष ने लिलिपुट पर जोर डाला कि वो सारी फिल्में छोड़ दें ताकि उनका लुर शेरबहादुर रिलीज होने से पहले कोई देख ना सके. ना ही कोई ऑन-स्क्रीन इमेज बने. लिलिपुट बोले- मेरी क्या औकात थी कि मैं उन्हें ना करता. मैं कैसे उन्हें जाकर कुछ कह सकता था जिन्होंने फिल्म शूट की है कि उन्हें रिलीज मत करो. तो मैंने वो छोड़ दी जो मैंने साइन की थी. लेकिन वो फिल्म डिब्बा बंद हो गई और मेरे पास कोई काम नहीं बचा. अमित जी की सेहत ठीक नहीं चल रही थी तो फिल्म नहीं बनी.

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