मुंबई से घायल होकर लौटे लोगों को देखा है, बधाई हो एक्टर ने बताया कैसे होंगे सफल
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एजेंडा आजतक 2023 में गजराज राव से उनके स्ट्रगल के दिनों के बारे में पूछा गया. जवाब में गजराज राव ने कहा, 'मैं मानता हूं कि धीमी आंच पर जो भी पकता है वो अच्छा बनता है. 20-25 साल का मेरा स्ट्रगल रंग लाया.
एजेंडा आजतक 2023 में 'बधाई हो' एक्टर गजराज राव ने शिरकत की. यहां उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने स्ट्रगल, फिल्म 'बधाई हो' में काम और अपने नए प्रोजेक्ट्स को लेकर बात की. मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी ने गजराज राव से उनके संघर्ष के सफर के बारे में बताने को कहा.
चित्रा ने कहा कि 'बैंडिट क्वीन' से 1994 में आपके फिल्मी सफर की शुरुआत हुई थी, फिर 'बधाई हो' आपने की. आपका स्ट्रगल काफी लंबा रहा है. इसके बारे में बताइए. जवाब में गजराज राव ने कहा, 'मैं मानता हूं कि धीमी आंच पर जो भी पकता है वो अच्छा बनता है. 20-25 साल का मेरा स्ट्रगल रंग लाया. जो लोग सोचते हैं कि सब जल्दी हो जाए, वो गलत है. ये सही नहीं है. ठहराव लाना जरूरी है. दो चीजें होती थीं पहले. शुरुआती दिनों में दिल्ली में मैं था थिएटर करता था. एकता कपूर नहीं थीं, दूरदर्शन के सीरियल होते थे या फिर भट्ट साहब या किसी की फिल्में होती थीं. काम मिलना मुश्किल होता था एक्टर के लिए. मुंबई जाते थे लोग और घायल होकर आते थे. टूट जाते थे. उदास होते थे.'
उन्होंने आगे बताया, 'मुझे याद है कि प्रकाश झा फिल्म बना रहे थे. उसके ऑडिशन के लिए गया मैं तो देखा 250-300 लोग बैठे थे. तो मैंने देखा कि ये सूरत है. आपका स्ट्रगल सिर्फ आपका नहीं आपके दोस्तों, परिवार सबका है. आपको किसी पर बोझ नहीं बनना चाहिए. मैंने एडवरटाइजिंग में काम किया. घर चलाया और फिर अच्छे प्रोजेक्ट मिले तो फिल्मों में काम किया. जिस डायरेक्टर के साथ काम करने का मन मुझे होता है मैं उन्हें आज भी मैसेज करता हूं. दोस्तों के कहे में लोग अपना निर्णय ले लेते हैं. वो मत लीजिए. प्लानिंग के साथ स्ट्रगल करें, अपने पेरेंट्स से बात करें तो सही रहेगा.'
ओटीटी पर काम करने को लेकर कही ये बात
आगे गजराज राव से ओटीटी पूछा गया कि ओटीटी पर काम करना उनके लिए कैसा रहा है. इसपर उन्होंने कहा, 'पहले ऐसा होता था कि बॉक्स ऑफिस डिसीजन मेकर होता था. उससे एक्टर्स हाशिये पर रहते थे कि काम मिल जाए पैसों की बात देखी जाएगी. ओटीटी ने इसे लोकतांत्रिक कर दिया है. आप इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर काम कर सकते हैं. कोई जयपुर का लड़का फेमस हो रहा है. 'टेक कॉन्वर्सेशन विद डैड' से यंग जेनेरेशन में मैं फेमस हुआ. मेरे साथ हुआ था कि गोवा में मैं था और एक 15 साल का लड़का मुझे पूछने आया कि आप वही हैं जो ट्विटर पर दिखे थे. मैं बहुत खुश हुआ था कि यंग बच्चे मेरे काम को जान रहे हैं. ये 15 साल पहले शायद पॉसिबल नहीं होता. पहले सर्वाइवल में बेचारापन होता था अब वो नहीं है. अब हम मना कर पाते हैं कि ये स्क्रिप्ट नहीं पसंद है.'
ये है गजराज के आने वाले प्रोजेक्ट
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