मीनाक्षी लेखी ने बताया कि दिल्ली में कैसे बन गए कूड़े के पहाड़, नई टेक्नॉलाजी से 70 फीसदी कूड़ा नष्ट किया जा रहा
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दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की सरगर्मी तेज है. ऐसे में दिल्ली की जनता किसे अपना आशीर्वाद देगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले प्रदेश के सियासी मिजाज को समझने के लिए आजतक ने 'एमसीडी पंचायत' कार्यक्रम रखा है, जिसमें दिल्ली की बीजेपी नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने शिरकत की.
दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की सरगर्मी तेज है. ऐसे में दिल्ली जनता किसे अपना आशीर्वाद देगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले प्रदेश के सियासी मिजाज को समझने के लिए आजतक ने 'एमसीडी पंचायत' कार्यक्रम रखा है, जिसमें बीजेपी नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ कैसे बने और इसका जिम्मेदार कौन है?
दिल्ली में कैसे बने कूड़े के पहाड़
कूड़े के पहाड़ हटाने के सवाल पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कूड़े के पहाड़ हटाने का काम शुरू हो गया है. दिल्ली में आज बीस मीटर कूड़े के पहाड़ कम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कूड़े के पहाड़ क्यों बनता है, इसे समझना होगा. लोग अपना गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा अलग-अलग नहीं करते हैं. दूसरा ये कि कूड़े का पहाड़ दो चार दिन में नहीं बना बल्कि यह 70 साल में हुआ है. 70 साल तक दिल्ली की जो व्यवस्थाएं रहीं, उसके चलते कूड़े के पहाड़ बने हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम लोग अब प्रशासन में आए हैं. दुनिया भर के जितने विकसित शहर हैं, उन सब में अंदर भी लैंडफिल साइट होती थी. उन्हें नई टेक्नोलाजी और नई व्यवस्थाओं के जरिए उन्हें ठीक किया गया. अब नई टेक्नॉलाजी और नई व्यवस्था के जरिए दिल्ली में 70 फीसदी वेस्ट एनर्जी प्लांट में जा रहा है. उससे कूड़ा पहाड़ में नहीं जा रहा है. इसके चलते आज बीस मीटर कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई कम हो चुकी है. आने वाले समय में कूड़े के पहाड़ कम होंगे.
कूड़े का पहाड़ बीजेपी नहीं, जनता ने बनाया
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कूड़े के पहाड़ बीजेपी ने नहीं बनाया बल्कि दिल्ली की जनता ने जनरेट किया है. कूड़े को पहले नष्ट करने की व्यवस्था नहीं थी, जिसके चलते एक जगह पर डंप कर देते थे. इसके चलते कूड़े के पहाड़ बने हैं, लेकिन अब टेक्टनालाजी बदली और समाज बदला. नई टेक्टनालाजी को लागू करने में जो संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए था उसे केजरीवाल सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया. ऐसे में केंद्र सरकार ने शहरी विकास मंत्रालय और स्वच्छता अभियान के जरिए धन की व्यवस्था कराया गया, जिससे दिल्ली के कूड़े को नष्ट करने का काम किया जा रहा है.
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