
महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं पिंकी, कहानी लेडी ई-रिक्शा ड्राइवर की
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महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकीं पिंकी रोजाना सुबह घर से ई-रिक्शा लेकर निकलती हैं. इस दौरान हर नजर थम जाती है. उन्होंने सब्जी बेचकर ई-रिक्शा खरीदा था. अब इससे रोजाना 500 से 800 रुपये कमा लेती हैं. पिंकी का कहना है कि बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाकर काबिल बनाऊंगी और उनको डॉक्टर-इंजीनियर व अफसर बनाऊंगी.
बिहार में इन दिनों एक लेडी ई-रिक्शा चालक (30 साल) सुर्खियों में है. इनका नाम पिंकी देवी है. जो कि भागलपुर जिले के बाथ थाना क्षेत्र के नयागांव पंचायत स्थित उत्तर टोला ऊंचागांव निवासी अमरजीत शर्मा की पत्नी हैं.
महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकीं पिंकी रोजाना सुबह घर से ई-रिक्शा लेकर निकलती हैं. इस दौरान हर नजर थम जाती है. उनकी आत्मनिर्भरता, मेहनत और इमानदारी की लोग सराहना करते हैं.
पिंकी ने आठवीं तक की है पढ़ाई
पिंकी ने बताती हैं, "वो मुंगेर जिला के असरगंज थाना अंतर्गत ममई गांव की रहने वाली हैं. चार भाई-बहन में सबसे बड़ी है. वो पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती थी, लेकिन उनके पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इस वजह से आठवीं तक ही पढ़ाई कर सकीं".
सब्जी बेचकर खरीदा था ई-रिक्शा
"इसके बाद साल 2010 में उनकी शादी ऊंचागांव में सुबोध शर्मा के पुत्र अमरजीत से हो गई. पति के पास अपनी जमीन भी नहीं है. पिंकी के चार बच्चे हैं. इनमें वर्षा (10 साल) रिया (7 साल) शिवम (5 साल) और 3 साल का सत्यम है. इनको पढ़ाना और घर की आर्थिक स्थिति मजबूर करने का संकल्प लिया है". पिंकी बताती हैं कि उन्होंने सब्जी बेचकर ई-रिक्शा खरीदा था. अब इससे रोजाना 500 से 800 रुपये कमा लेती हैं.

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