
महाशिवरात्रि और महाकुंभ का समापन, खास मौके पर पवित्र स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पहुंच रहे श्रद्धालु
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महाकुंभ 2025 में महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम पहुंचने की उम्मीद है. इस भव्य आयोजन के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसमें अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा बलों की तैनाती और सीसीटीवी मॉनिटरिंग जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि कार्यक्रम को सुचारु रूप से सम्पन्न किया जा सके.
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए एकत्रित हो रहे हैं. प्रत्येक 12 साल में आयोजित किए जाने वाले महाकुंभ मेले के प्रति विश्वास है कि इससे 'मोक्ष' की प्राप्ति होगी. महाकुंभ 2025 बुधवार को सम्पन्न होने जा रहा है. महाकुंभ के समापन के मौके पर इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार खासतौर से अहम है, जो कि भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य संघ का प्रतिनिधित्व करता है.
हिन्दू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान शिव ने समुद्र मंथन में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे अमृत कुंभ प्रकट हुआ. यही कुंभ मेला की वास्तविक मौजूदगी है. एक ऐसा मौका होता है जब गंगा, यमुना और काल्पनिक सरस्वती संगम में एक साथ मिलती हैं, जो कि भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और हिंदू समुदाय में इसे पवित्र माना जाता है.
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महाकुंभ में 65 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, अकेले मंगलवार को संगम और अन्य घाटों पर करीब 1.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, और इसके साथ ही महाकुंभ 2025 में पहुंचने वाले लोगों की संख्या 25 फरवरी देर रात तक 64 करोड़ से अधिक रही. राज्य सरकार का कहना है कि इस महाकुंभ में भारत और चीन की आबादी को छोड़ दें, तो दुनिया के तमाम देशों की आबादी से ज्यादा लोग अकेले महाकुंभ पहुंचे हैं. हालांकि, आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का कुल आंकड़ा 26 फरवरी सुबह 4 बजे तक 65 करोड़ के पार पहुंच चुका है.
महाकुंभ में छह विशेष स्नान

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