महाराष्ट्र में कोरोना की बेकाबू लहर के पीछे डबल म्यूटेंट वैरिएंट, 60 से 80 फीसदी मामलों में असर
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महाराष्ट्र के अधिकतर सैंपल में डबल म्यूटेशन वायरस की पुष्टि हुई है. कोरोना की दूसरी लहर भी महाराष्ट्र से शुरू हुई है. अब देश में आ रहे कुल नए केस में से आधे केस डबल म्यूटेशन वायरस के ही हैं.
महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो गई है और इसके पीछे वायरस के डबल म्यूटेंट वैरिएंट को वजह बताया जा रहा है. हाल में भारतीय वैज्ञानिकों की ओर से जीनोम सिक्वेंसिंग डेटा सौंपा गया है, जिसमें यह खुलासा हुआ है. इस डेटा में पहली बार यह साफ हुआ है कि कैसे वायरस के अलग-अलग वैरिएंट बदल रहे हैं और नुकसान पहुंचा रहे हैं. डबल म्यूटेशन वायरस, जिसे अब B.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है, यह 2 अप्रैल से पहले के 60 दिनों में लिए गए सैंपल में सबसे आम था. पिछले साल 5 अक्टूबर को इस वैरिएंट का पहली बार पता चला था और यह अपेक्षाकृत अस्पष्ट था. जनवरी के बाद इस वैरिएंट के केस ज्यादा तेजी से आने लगे थे. 1 अप्रैल को भारत ने वैश्विक रिपॉजिटरी GISAID को जो सैंपल भेजे, उसमें 80 फीसदी केस नए डबल म्यूटेशन वायरस के सामने आए.विशेष लोक अभियोजक नारायण ने बताया कि बरहामपुर में एक विशेष POCSO अदालत के न्यायाधीश प्रभात कुमार राजगुरु ने दोनों दोषियों पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. दोषी यदि जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें छह महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी. अदालत ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के जरिये पीड़िता को 12 लाख मुआवजे दिलाने की सिफारिश की.
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