‘महाराष्ट्र-दिल्ली में मात्र 41% हेल्थ वर्कर को मिली दूसरी डोज’, सबको कोरोना वैक्सीन देने की बात पर बोले हर्षवर्धन
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देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की मांग को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को नाराजगी जताई. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि ये राज्यों की खुद के स्तर पर की गई विफलता को छिपाने की कोशिश है.
देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की मांग को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज बुधवार को नाराजगी जताई. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि ये राज्यों की खुद के स्तर पर की गई विफलता को छिपाने की कोशिश है. साथ ही सवाल किया कि क्या उन्होंने कोरोना के पहले चरण के सभी लाभार्थियों तक वैक्सीन पहुंचा दी है. जानें और क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने... 'क्या पहले चरण का लक्ष्य पूरा' राज्यों की 18 वर्ष से ऊपर सभी को कोरोना वैक्सीन देने की मांग पर हर्षवर्धन ने सवाल किया कि जो राज्य ऐसी मांग कर रहे हैं, उनके बारे में क्या ये मान लिया जाना चाहिए कि उन्होंने अपने राज्य में हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच अच्छी खासी संख्या में कोरोना वैक्सीनेशन का काम कर लिया है. लेकिन आंकड़े असल में इससे अलग हैं.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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