
मलेशिया का MyKad तो नीदरलैंड का Identiteitskaart... वो देश जहां पहचान के लिए एक ही नेशनल कार्ड
AajTak
दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करते हैं. भारत में भी राष्ट्रीय पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड जारी किया जाता है लेकिन यह हर सेवा के लिए अनिवार्य नहीं होता लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जिनका राष्ट्रीय पहचान पत्र नागरिकों के लिए अनिवार्य होता है.
दुनिया के कई देश नागरिकता के सबूत और पहचान के लिए एक खास तरह का National Identity Card जिसे राष्ट्रीय पहचान पत्र कहा जाता है, जारी करते हैं. इस राष्ट्रीय पहचान पत्र में व्यक्ति का नाम, तस्वीर, जन्म दिवस और उसका यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है. इस पहचान पत्र का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं का सुविधा उठाने, वोट देने और अपनी कानूनी पहचान साबित करने के लिए होता है.
भारत ने भी सितंबर 2010 में राष्ट्रीय पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड को इंट्रोड्यूस किया था जो अब देश के हर नागरिक की पहचान बन गया है. हालांकि, आधार कार्ड हर सरकारी सेवा के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है. भारत की तरह दुनिया में बहुत से ऐसे देश हैं जहां पहचान के लिए केवल एक ही राष्ट्रीय कार्ड है जिनमें मलेशिया, नीदरलैंड, चीन जैसे देश शामिल हैं.
मलेशिया- मलेशिया में नागरिकों को पहचान के लिए एक सिंगल नेशनल कार्ड MyKad (Kad Pengenalan Malaysia) जारी किया जाता है. Mykad मलेशिया के 12 साल और उससे अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य स्मार्ट कार्ड है.
इस कार्ड को देश के नेशनल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने साल 2001 में लॉन्च किया था. मलेशियाई स्मार्ट कार्ड में नागरिक का नाम, पता होता है और कार्ड पर लगाए गए चिप में उसका बायोमैट्रिक डेटा यानी उंगलियों के निशान का रिकॉर्ड होता है.
पहचान के अलावा मलेशियाई नेशनल कार्ड का इस्तेमाल ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर ऑनलाइन पेमेंट आदि के लिए किया जा सकता है. इस कार्ड में संबंधित व्यक्ति की मेडिकल जानकारी भी होती.
बहुत से लोग मलेशिया में स्थायी रूप से रह रहे हैं लेकिन वो वहां के नागरिक नहीं हैं, ऐसे लोगों के लिए मलेशिया MyPR कार्ड जारी करता है. यह कार्ड धारक को मलेशिया में कहीं भी घूमने और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






