ममता बनर्जी की नंदीग्राम चुनाव को लेकर याचिका पर फैसला सुरक्षित
The Quint
Mamata Banerjee| ममता बनर्जी की दोबारा मतगणना कराने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दोबारा मतगणना कराने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की एकल पीठ के सामने बनर्जी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील रखी. तमाम दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.नंदीग्राम चुनाव में धांधली के आरोपदरअसल, ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में नंदीग्राम की चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी. उनका आरोप है कि नंदीग्राम चुनाव में धांधली की गई थी. ममता ने नंदीग्राम के चुनाव को रद्द करने की मांग की है. ममता की इस याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की एकल पीठ बनाई गई थी. हालांकि, अब ममता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके पीठ बदलने की मांग की है.मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के संपर्क में रह चुके हैं. ममता बनर्जी द्वारा नंदीग्राम मामले को दूसरे न्यायाधीश की अदालत में शिफ्ट करने की याचिका भी लगाई गई है.मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति चंदा के याचिका पर सुनवाई करने आपत्ति जताते हुए पक्षपात की संभावना का हवाला देते हुए कहा है कि एक वकील के रूप में भाजपा के साथ उनके संबंध थे. बनर्जी की याचिका में भाजपा उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी को नंदीग्राम से विधायक चुनने को चुनौती दी गई है, जिन्होंने हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में बनर्जी को कड़े मुकाबले में हरा दिया था.ADVERTISEMENTसिंघवी ने रखा ममता बनर्जी का पक्षबनर्जी वर्चुअल तरीके से इस सुनवाई में शामिल हुईं. मुख्यमंत्री बनर्जी ने कुछ दिन पहले ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति चंदा को इस मामले से अलग करने की मांग की थी, जिस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है. आवेदन का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति चंदा ने पूछा कि क्या उन्हें प्रशासनिक आदेश का इंतजार करना चाहिए या न्यायिक रूप से आगे बढ़ना चाहिए.इस पर, सिंघवी ने कहा, न्यायिक पक्ष पर मामले को तय करना आपके लॉर्डशिप का विशेषाधिकार है. यदि आपको...More Related News