मनी लॉन्ड्रिंग केस: अनिल देशमुख और उनके बेटे ED के सामने नहीं हुए पेश
The Quint
Money Laundering Case| मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ED ने दोनों को मुंबई के दफ्तर में तलब किया था. ये चौथा समन्स था जिसके लिए देशमुख हाजिर नही हुए, The ED had summoned both of them for questioning in the money laundering case.
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और उनके बेटे ऋषिकेश फिर एक बार ED के सामने पेश नही हुए. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ED ने दोनों को मुंबई के दफ्तर में सोमवार 2 अगस्त को तलब किया था. ED द्वारा जारी ये चौथा समन था जिसके लिए देशमुख हाजिर नही हुए.देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ने बताया कि अनिल देशमुख द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार 3 अगस्त को सुनवाई होनी है. जिसके चलते उन्होंने ED को एक और पत्र लिखकर पेश होने से छूट मिलने की मांग की. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जानकारी होने के बावजूद ED ने उन्हें समन कैसे भेजा ये सवाल वकील ने उठाया है. वकील ने आगे बताया कि एक बार कोर्ट का फैसला आ जाए, जिसके बाद देशमुख ED को पूछताछ में पूरा सहकार्य करने के लिए तैयार है. बता दें कि अनिल देशमुख ने इस मामले में बीते शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जिसमें ED द्वारा किसी भी जबरदस्ती के कार्रवाई से राहत मिलने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी कोई भी राहत देने से इनकार करते हुए 3 अगस्त को सुनवाई रखी है.इसके साथ अनिल देशमुख आज भी ED द्वारा इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और उनपर लगाए सेक्शन्स की जानकारी देने की मांग पर अड़े हुए है. हालांकि ED ने देशमुख ने दिए निवेदन को स्वीकार लिया है. लेकिन सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ED द्वारा अनिल देशमुख की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. इससे पहले 25 जून को ED ने अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित घरों और ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. जिसके बाद देशमुख के पीए कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया था. ADVERTISEMENTअनिल देशमुख पर गृहमंत्री पद का दुरुपयोग और 100 करोड़ की हफ्ता वसूली का आरोप है. अब तक कि जांच में सामने आया है कि देशमुख के निर्देश पर निलंबित एपीआई सचिन वझे ने डांस और ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से साढ़े चार करोड़ जबरन वसूल किए है. ED को शक है कि पैसों का लेन-देन हवाला ऑपरेटरों द्वारा किया गया था. जिसके बाद इसमें की कुछ रकम नागपुर के श्री साई शिक्षण संस्थान ट्रस्ट के नाम पर ट्रांसफर कर काले धन को सफेद करने की कोशिश हुई है. यह ट्रस्ट देशमुख का परिवार चलाता है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News