मंडल बनाम कमंडल पार्ट-2? 6 प्वाइंट्स में समझें जातीय जनगणना के जरिए 2024 साधने में कैसे जुटा विपक्ष
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कांग्रेस अपने खोए सियासी जनाधार को वापस पाने की हरसंभव कोशिश में जुटी है. ऐसे में राहुल गांधी ने कर्नाटक में जातिगत जनगणना की मांग कर सिर्फ दलित-ओबीसी वोटों का साधने का दांव ही नहीं चला बल्कि विपक्षी एकता और बीजेपी को घेरने की रणनीति भी तय कर दी है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव को 2024 का सेमीफाइल माना जा रहा है. यही वजह है कि कर्नाटक चुनाव के जरिए 2024 की सियासी बिसात बिछाई जा रही है. बीजेपी ने 2014 में जिस सियासी समीकरण से कांग्रेस को देश की सत्ता से बेदखल किया था, अब कांग्रेस भी उसी एजेंडे के तहत आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तानाबाना बुन रही है. राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की वकालत और 'जितनी आबादी, उतना हक' की मांग उठाकर 'ओबीसी और दलित कार्ड' खेल दिया है. राहुल ने आरक्षण की अधिकतम 50 फीसदी लिमिट को भी खत्म करने की मांग भी कर डाली.
राहुल गांधी के बयान के दूसरे दिन कांग्रेस की इस मुद्दे पर प्रेस कॉफ्रेंस और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना की डिमांड करने के पीछे सियासी मकसद समझा जा सकता है. विपक्ष 2024 में बीजेपी को घेरने के लिए जातिगत जनगणना को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने की कवायद में है, क्योंकि मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए रजामंद नहीं है. कांग्रेस को लग रहा है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसपर बीजेपी को घेरा जा सकता है.
जातीय जनगणना का सियासी मकसद
दरअसल, मोदी सरनेम वाली टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को हुई सजा के बाद बीजेपी इसे ओबीसी समुदाय का अपमान बताकर कांग्रेस को घेर रही थी. ऐसे में राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम अगर हम ओबीसी को ताकत देना चाहते हैं तो पहले ये समझना होगा कि देश में ओबीसी कितने हैं. अगर हमें यही नहीं मालूम तो उन्हें ताकत कैसे दे सकते हैं. 2011 में हमारी सरकार थी हमने जातीय जनगणना करवाई थी. पूरा का पूरा डेटा सरकार के पास उपलब्ध है, लेकिन मोदी सरकार ने डेटा छिपाया हुआ है, उसे पब्लिश नहीं किया जा रहा है.
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार को मालूम है कि ओबीसी की आबादी कितनी है. ऐसे में पीएम मोदी अगर जातिगत जनगणना के आंकड़े नहीं बताते तो यह ओबीसी का अपमान होगा. साथ ही राहुल गांधी ने पीएम मोदी से आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को हटाने की मांग की है. राहुल ने यह दावा किया कि केंद्र सरकार में सचिव जैसे पद पर केवल 7 प्रतिशत अन्य पिछड़ी जातियां, दलित और आदिवासी हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के जरिए बड़ा सियासी दांव चला है. कांग्रेस इस बहाने एक तरफ बीजेपी को घेरने और दूसरी ओर बीजेपी को दलित विरोधी कठघरे में खड़े करने की कवायद में जुटी है. इस मुद्दे के बहाने कांग्रेस सियासी छत्रपों को एकजुट करने की भी कवायद कर रही. राहुल की इस मांग के पीछे के एजेंडे को 6 प्वाइंट में समझ सकते हैं?
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