
भारत बंद के समर्थन में उतरे ग्रेटर नोएडा के किसान, सड़क पर पैदल मार्च… भारी संख्या में पुलिस रही तैनात
AajTak
किसानों का आंदोलन आज शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था. इसे देखते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले की पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी थी. इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में किसान जमा हुए और उन्होंने पैदल मार्च निकालकर बंद को अपना समर्थन दिया. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे धरना देना जारी रखेंगे.
आज भारत बंद को लेकर ग्रेटर नोएडा में किसानों ने पैदल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया. भारी संख्या में इकट्ठे हुए किसानों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ काफी आक्रोश दिखाई दिया. वहीं, भारत बंद का समर्थन करते हुए प्रदर्शन में महिलाएं भी भारी संख्या में शामिल रहीं.
किसानों ने अल्फा वन गोल चक्कर से परी चौक तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने देशव्यापी बंद को समर्थन दिया. इस दौरान परी चौक पर भारी जाम लग गया.
यह भी पढ़ें- संयुक्त किसान मोर्चा ने किया भारत बंद का आह्वान, गौतमबुद्ध नगर में 16 फरवरी को धारा 144 लागू
जहां एक तरफ देश में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. शुक्रवार को देशव्यापी बंद का किसानों ने ऐलान किया था. किसानों के देशव्यापी बंद को समर्थन देते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना दे रहे किसानों ने भी जुलूस पैदल मार्च निकाला.
18 फरवरी तक उच्च स्तरीय शासन की कमेटी बनाने का मिला आश्वासन
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि पूरे देश में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो रही है. इसीलिए किसान सभा के द्वारा बीते 8 फरवरी को जबरदस्त आंदोलन किया गया था, जिसके परिणाम में 18 फरवरी तक किसानों के मुद्दे पर उच्च स्तरीय शासन की कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.






