भारत और इजरायल सरकार के इशारे पर पोस्ट हटाने से फेसबुक स्टाफ खफा
The Quint
facebook india: फेसबुक ने मोदी सरकार के कहे मुताबिक अप्रैल में कोरोना हैंडलिंग की आलोचना करने वाले पोस्ट्स हटाए थे, लेकिन इससे कर्मचारी नाराज हुए थे, facebook employees were upset when company complied on india and israel order to remove posts
भारत सरकार ने अप्रैल में जब फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कोरोना हैंडलिंग की आलोचना करने वाले पोस्ट्स को हटाने की मांग की थी, तो फेसबुक ने इसका पालन किया था. लेकिन ये बात फेसबुक के कर्मचारियों के गले नहीं उतरी थी और उन्होंने इंटरनल चैट पर पूछा था कि 'कंपनी विरोध को दबाने में पीएम नरेंद्र मोदी की मदद क्यों कर रही है.'ये बात न्यू यॉर्क टाइम्स की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है. अमेरिकी अखबार ने ऐसी ही कई इंटरनल चैट्स की समीक्षा की है. रिपोर्ट में एक चैट की जानकारी दी गई है, जिसमें एक फेसबुक कर्मी ने लिखा था, "कंपनी को डर है मोदी उन्हें बैन कर देंगे. हम डर की वजह से फैसले नहीं ले सकते."रिपोर्ट में कहा गया कि इस कर्मी का परिवार भारत में ही रहता है. ऐसा ही पैटर्न इजरायल में भी देखने को मिला था. हाल ही में हमास के साथ विवाद के बीच फेसबुक ने कई मशहूर फिलिस्तीनी एक्टिविस्टों के पोस्ट्स हटा दिए थे. 'सही-गलत की जगह ताकतवर नेताओं के साथ फेसबुक'NYT की रिपोर्ट कहती है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को हैंडल करने के तरीके को लेकर फेसबुक में 'असंतोष' बढ़ रहा है. अखबार ने कंपनी के कई मौजूदा और पुराने कर्मचारियों का इंटरव्यू किया है, जिसमें ये बात सामने आई है.रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों ने बैठकों में कई टॉप एग्जीक्यूटिव से भारत और इजरायल को लेकर तीखे सवाल किए हैं. इस हफ्ते 200 से ज्यादा कर्मचारियों ने एक ओपन लेटर लिखकर फेसबुक के अरब और मुस्लिम पोस्ट्स के ट्रीटमेंट का थर्ड-पार्टी ऑडिट कराने की मांग उठाई. एक कर्मचारी ने इंटरनल चैट पर लिखा, "ऐसा लगता है हम फिर से नीति नहीं बल्कि राजनीति की वजह से फैसले ले रहे हैं और लोकवादी सरकारों की तरफ खड़े हैं."2017 में फेसबुक छोड़ने वाले मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका क्षेत्र के पॉलिसी हेड अशरफ जैतून ने NYT से बात की है. उन्होंने कहा, "फेसबुक में लोगों के बीच ये राय है कि सही-गलत की जगह ताकतवर नेताओं का पक्ष लेना व्यवस्थागत रवैया बन गया है."'फेसबुक ने सरकारों को खुश करने के लिए फैसले नहीं लिए'फेसबुक कई देशों में पोस्ट्स हटाने जैसे आदेशों का पालन करता रहा है. इससे उसके कर्मचारियों के बीच नाराजगी फैली है. NYT की रिपोर्ट कहती है कर्मचारी पूछ रहे हैं कि सोशल नेटवर्क 'सत्तावादी ...More Related News