ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन का इस्तीफा, 41 मंत्रियों की बगावत के बाद पद छोड़ने को हुए मजबूर
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ब्रिटेन में राजनीतिक भूचाल आ गया है. वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद से शुरू हुआ संकट अब बढ़ता जा रहा है. इसी बीच ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
ब्रिटेन में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसा दावा ब्रिटिश मीडिया स्काई न्यूज ने किया है. हालांकि, बीबीसी और न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि अभी जॉनसन पद छोड़ने को तैयार हुए हैं और आज इस्तीफा दे सकते हैं.
बोरिस जॉनसन के खिलाफ उनकी अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में बगावत हो गई थी. अब तक 41 मंत्री इस्तीफा दे चुके थे. तब से उनके ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था. विपक्षी लेबर पार्टी भी उनसे इस्तीफा मांग रही थी.
हालांकि, बोरिस जॉनसन तब तक पद पर बने रहेंगे, जब तक नया प्रधानमंत्री नहीं चुन लिया जाता है. बीबीसी के मुताबिक, अक्टूबर में नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा, तब तक बोरिस जॉनसन पद पर बने रहेंगे.
बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर संकट वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ था. उन्होंने 5 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने भी इस्तीफा दे दिया था. अब तक चार कैबिनेट मंत्री मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें ऋषि सुनक और साजिद जाविद के अलावा साइमन हार्ट और ब्रैंडन लुईस ने भी इस्तीफा दे दिया था.
बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत क्रिस पिंचर की नियुक्ति को लेकर हुई थी. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था. 30 जून को ब्रिटिश अखबार 'द सन' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. पिंचर पर पहले भी यौन दुराचार के आरोप लगते रहे हैं.
द सन की रिपोर्ट आने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनकी ही पार्टी के सांसदों का कहना था कि जॉनसन को उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, उसके बाद भी उन्हें नियुक्त किया गया. वहीं, 1 जुलाई को सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जॉनसन को इन आरोपों की जानकारी नहीं थी. लेकिन 4 जुलाई को फिर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके लिए नियुक्ति न करना सही नहीं समझा, क्योंकि आरोप अभी तक साबित नहीं हुए थे.
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