
'बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने किया संत तुकाराम का अपमान', चिट्ठी के बाद नाना पटोले ने साधा निशाना
AajTak
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बार फिर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हमला बोला है. पटोले ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम महाराज का अपमान किया है. इससे वारकरी समुदाय के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. इसलिए मुंबई में होने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए.
महाराष्ट्र के मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में आज (18 मार्च) से बागेश्वर धाम वाले कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का दो दिवसीय कार्यक्रम है. लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने उनके कार्यक्रम के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. हाल ही में पटोले ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखकर धीरेंद्र शास्त्री को कार्यक्रम की अनुमति न देने की मांग की थी. अब उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर संत तुकाराम का अपमान करने का आरोप भी लगाया है.
नाना पटोले ने कहा कि बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम महाराज का अपमान किया है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस हिंदुओं का सम्मान करती है. BJP पर आरोप लगाते हुए पटोले ने कहा कि जब भी उनके पाप सामने आने वाले होते हैं तो बीजेपी हिंदुओं को सामने लाती है. उन्होंने सवाल किया कि आज किसान खुदकुशी कर रहे हैं, वो हिंदू हैं, बीजेपी उन्हें क्यों नहीं बचा रही?
इससे पहले नाना पटोले ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरोध में सीएम एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का 18-19 मार्च को मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में जो कार्यक्रम होने जा रहा है, उसे अनुमति न दी जाए. उन्होंने लिखा था कि महाराष्ट्र एक प्रोग्रेसिव राज्य है. अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों की इस राज्य में कोई जगह नहीं है.
पटोले ने चिट्ठी में लिखा था कि धीरेंद्र शास्त्री ने हमारे जगत गुरु संत तुकाराम महाराज का अपमान कर वारकरी समुदाय के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. संत तुकाराम महाराज का अपमान करने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को अनुमति देना मतलब अंधविश्वास को बढ़ावा देना होगा, इसलिए धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए.
शिंदे के विधायक ने किया बचाव
एकनाथ शिंदे की शिवसेना की विधायक गीता जैन ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लेटर का जवाब देते हुए एक वीडियो जारी किया था. उन्होंने कहा था कि बागेश्वर धाम महाराज के संत तुकाराम पर दिए बयान से वारकरी संप्रदाय आहत हुआ था, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांग ली थी. मुझे लगता है कि इसके बाद इस विषय को विराम दे देना चाहिए. संत तुकारामजी के गांव के लोग जब उन्हें (वेडा तुक्या) पागल कहते थे, तब तुकारामजी भी हाथ जोड़कर उन्हें माफ कर दिया करते थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







