प्राइवेट कंपनियां 5G की कतार में, सरकारी टेलिकॉम कंपनी कर्ज चुकाने में नाकाम!
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सरकारी टेलीकॉम कंपनी को जुलाई महीने में ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 35.15 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान करना था. MTNL इस ब्याज का भुगतान करने में असफल रही. एमटीएनएल के ऑडिटर्स ने नोट में बताया है कि कंपनी की नेटवर्थ पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने एमटीएनएल को बीमारू सीपीएसई डिक्लेयर कर दिया है.
घाटे में चल रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल (MTNL) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) को कर्ज के ब्याज के भुगतान में डिफॉल्ट (Default On Loan Repayment) कर दिया है. कंपनी को जुलाई महीने में ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 35.15 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान करना था. एमटीएनएल इस ब्याज का भुगतान करने में असफल रही. कंपनी ने खुद इसकी जानकारी एक फाइलिंग में दी है.
यूनियन बैंक को देने हैं इतने पैसे
कंपनी ने फाइलिंग में एक चार्ट शेयर किया है, जिससे पता चलता है कि उसने 31 जुलाई 2022 को 35.15 करोड़ रुपये का ब्याज भरने में चूक की. एमटीएनएल के ऊपर फिलहाल अकेले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 5,849.71 करोड़ रुपये कर्ज बकाया है. एमटीएनएल ने ये लोन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) से लिए थे. अब आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ हो चुका है.
एमटीएनएल पर कुल इतना कर्ज
सरकारी कंपनी के ऊपर कई अन्य बैंकों का भी भारी-भरकम कर्ज बकाया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अलावा एमटीएनएल के ऊपर अन्य बैंकों व वित्तीय संस्थानों (Other Banks and Financial Institutes) का 16,930 करोड़ रुपये बकाया है. कंपनी के ऊपर अभी कुल 27,330 करोड़ रुपये का बकाया है. सरकारी टेलीकॉम कंपनी को लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है. जून तिमाही में कंपनी का घाटा (MTNL June Quarter Loss) कुछ कम होकर 653 करोड़ रुपये रहा था. साल भर पहले यानी जून 2021 तिमाही में कंपनी को 688.69 करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ा था.
बीमारू कंपनी बनी एमटीएनएल