पीएम केयर से आए वेंटिलेटर्स ठीक नहीं! पीजीआई ने सरकार को भेजी रिपोर्ट
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इस रिपोर्ट के मुताबिक, जो वेंटिलेटर्स आए हैं और आईसीयू वार्ड में लगाए गए हैं, वे बहुत ही आवाज करते हैं, जिसके चलते मरीजों को असुविधा होती है. साथ ही साथ आईसीयू में जो स्टाफ रहता है, उन्हें भी डिस्टर्बेंस होता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि, ICU में भर्ती हुए मरीजों को आवाज की वजह से सोने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. संभावना जताई जा रही है कि इस लहर में सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ सकता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेजों से लेकर, जिला स्तरों के अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इन सबके बीच लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल ने पीएम केयर्स फंड के तहत भेजे गए वेंटिलेटर्स को मानकों के उपयुक्त नहीं बताया है. इतना ही नहीं पीजीआई की ओर से वेंटिलेटर्स को लेकर पूरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बारामती विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई थी. लिहाजा शिवतारे और अजित पवार को आमने-सामने बैठाकर पिछले सभी विवादों को सुलझाने का फैसला लिया गया. तीनों नेताओं ने शिवतारे से उनके निर्वाचन क्षेत्र में लंबित लगभग 11 विकास परियोजनाओं को फंड देकर गति देने का वादा किया है.
इन वकीलों ने चिट्ठी में लिखा है कि इस खास ग्रुप का काम अदालती फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डालना है, विशेष रूप से ऐसे मामलों में जिनसे या तो नेता जुड़े हुए हैं या फिर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. चिट्ठी में कहा गया है कि इनकी गतिविधियां देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास के लिए खतरा है.