पाबंदियों के मामले में चौथे नंबर पर है नॉर्थ कोरिया, फिर मिसाइल परीक्षण के लिए कहां से आ रहे पैसे?
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उत्तर कोरिया ने हाल में बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया की लगातार चेतावनी के बावजूद ये देश धड़ाधड़ मिसाइल टेस्टिंग कर रहा है. यहां ये सवाल भी उठता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बैन झेलने वालों में चौथे नंबर पर खड़े इस देश में आखिर पैसे आते कहां से हैं. ज्यादातर देशों के साथ उसका व्यापार होता नहीं, तब जीडीपी का क्या स्त्रोत है?
स्टेटिस्टा रिसर्च डिपार्टमेंट के अनुसार उत्तर कोरिया पर 2 हजार से ज्यादा पाबंदियां लगी हुई हैं. इससे पहले रूस, ईरान और सीरिया का नंबर आता है. इतनी बंदिशों में जीने के बाद भी ये देश लगातार अपनी सैन्य ताकत दिखाता रहा. यहां तक कि वहां के तानाशाह किम जोंग उन अक्सर पश्चिमी देशों को धमकाते भी रहे. ये ताकत हवा-हवाई नहीं, बल्कि इसके पीछे रूस और चीन जैसे बड़े देशों का हाथ है.
लगातार बढ़ता जीडीपी का ग्राफ वर्ल्ड बैंक और ट्रेडिंग इकनॉमिक्स ने साल 2020 में नॉर्थ कोरिया का डेटा जारी किया. इसके मुताबिक देश की जीडीपी लगभग 18 बिलियन डॉलर थी. अपने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की तुलना में ये कम तो है, लेकिन ग्रोथ रेट लगातार दिख रही है. खासकर व्यापार के लिए उसपर जितने प्रतिबंध हैं, उसे देखते हुए ये जीडीपी कम नहीं.
मिसाइल परीक्षण में तेजी ये देश खुद को सैन्य तौर पर भी मजबूत कर रहा है. इसमें एक के बाद एक मिसाइल परीक्षण भी शामिल है. बीते साल फरवरी में आई यूएन की एक रिपोर्ट में नॉर्थ कोरिया की ओर से परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का शक जताया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया मिसाइलों को बनाने, तेजी से उनकी तैनाती, समुद्र के रास्ते उन्हें लाने-ले जाने और मिसाइल ताकत में तेजी से बढ़ोत्तरी करने की दिशा में है.
कहां से पैसे जुटाता है नॉर्थ कोरिया? न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार यूएन की रिपोर्ट कहती है कि अपने परमाणु कार्यक्रमों और मिसाइलों के लिए पैसे जुटाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर साइबर अटैक कर पैसे की उगाही इस देश के लिए आय का प्रमुख स्रोत है. ये रिपोर्ट यूएनएससी प्रतिबंध कमेटी के सामने इसी हफ्ते पेश की गई. और इसमें नॉर्थ कोरिया के सीक्रेट वीपन प्रोग्राम के बारे में कई दावे किए गए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज और वित्तीय संस्थाओं पर साइबर अटैक से पैसे जुटाना नॉर्थ कोरिया के लिए आय का सबसे बड़ा स्रोत है. साइबर अटैक से साल 2020 में और साल 2021 के मध्य तक नॉर्थ कोरियन साइबरअटैकर्स ने नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया के तीन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से ही 50 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम चुरा ली.
कोयले की तस्करी के आरोप नॉर्थ कोरिया के लिए आय का बड़ा स्त्रोत कथित तौर पर तस्करी भी है. यूएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि सालभर में ये देश 370 मिलियन डॉलर कोयले के अवैध व्यापार से कमाता है. साल 2017 में चीन ने यूनाइटेड नेशन्स का साथ देने के नाम पर सालभर के लिए उससे कोयले का करार रोक दिया था, लेकिन तब भी कोल इंडस्ट्री फलती-फूलती रही.
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