
पाकिस्तान बॉर्डर पर हवाई अभ्यास करेगा भारत, आसमान में गरजेंगे राफेल, सुखोई और मिराज, NOTAM हुआ जारी
AajTak
NOTAM आमतौर पर तब जारी किया जाता है जब किसी विशेष हवाई क्षेत्र में वायुसेना अभ्यास कर रही हो, मौसम खराब हो या वहां कोई बाधा मौजूद हो. इस बार का NOTAM एक फेयरली लार्ज यानी अपेक्षाकृत बड़े स्तर के अभ्यास को दर्शाता है, जो पाकिस्तान के साथ मौजूदा कूटनीतिक तनाव की गंभीरता को भी इंगित करता है.
भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सटी दक्षिणी सीमा के पास 7 और 8 मई को एक बड़े पैमाने पर वायु सैन्य अभ्यास के लिए 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAM) जारी किया है. यह जानकारी मंगलवार को जियो-इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने दी. हालांकि इस अभ्यास की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन NOTAM के जरिए स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि इस दौरान संबंधित क्षेत्र की हवाई सीमा को प्रतिबंधित किया जाएगा. यह भारत की वायुसेना द्वारा एक विशाल सैन्य ड्रिल की तैयारी को दर्शाता है.
जानकारी के मुताबिक भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र और उससे सटे इलाकों में अभ्यास के दौरान राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 सहित सभी फ्रंटलाइन विमान भाग लेंगे. प्रमुख बेड़े जमीनी हमले और हवा से हवा में युद्ध करने के लिए अभ्यास करेंगे. लड़ाकू विमानों द्वारा हवाई रक्षा अभ्यास भी आयोजित किए जाएंगे क्योंकि वायुसेना में मिग-29 की भूमिका होती है. वायुसेना के इस अभ्यास की निगरानी शीर्ष अधिकारियों द्वारा की जाएगी और इसकी मानक प्रक्रियाओं को दुरुस्त किया जाएगा.
इन परिस्थितियों में जारी होता है NOTAM
बता दें कि NOTAM आमतौर पर तब जारी किया जाता है जब किसी विशेष हवाई क्षेत्र में वायुसेना अभ्यास कर रही हो, मौसम खराब हो या वहां कोई बाधा मौजूद हो. इस बार का NOTAM एक फेयरली लार्ज यानी अपेक्षाकृत बड़े स्तर के अभ्यास को दर्शाता है, जो पाकिस्तान के साथ मौजूदा कूटनीतिक तनाव की गंभीरता को भी इंगित करता है.
यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिससे पूरे देश में गुस्सा और चिंता का माहौल है.
पिछले महीने हुआ था ऑपरेशन 'आक्रमण'

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







