पाकिस्तान के लिए टाइम बम बनी ये समस्या, इमरान खान भी नाकाम
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प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल (2018-2021) के दौरान पाकिस्तान की कर्ज से स्थिति बद से बदतर हो गई और ऋण जीडीपी के अनुपात में 107 फीसदी तक पहुंच गया है.
आधुनिक जमाने के गुलाम जंजीरों में नहीं बल्कि कर्ज में बंधे हुए हैं. यह कहावत पाकिस्तान पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है. पाकिस्तान के अर्थशास्त्री और राजनीतिक टिप्पणीकार डॉ. फारूख सलीम ने लिखा है कि उनका देश कर्ज के टाइम बम पर बैठा हुआ है और यह बम टिक टिक कर रहा है. आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान के हर शख्स पर 2 लाख रुपये का कर्ज चढ़ गया है. (फाइल फोटो) पाकिस्तान के अर्थशास्त्री डॉ. फारूख सलीम का कहना है कि 1970 में पाकिस्तान के हर पुरुष, महिला और बच्चा 500 रुपये का कर्जदार था. 2008 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सत्ता में आई और प्रति व्यक्ति यह कर्ज बढ़कर 36 हजार रुपये पहुंच गया. (फाइल फोटो-Getty Images)पाकिस्तान के नेताओं की तरह वहां का मीडिया भी झूठ के सहारे प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है. ऐसी ही एक कोशिश पाकिस्तान के नामी पत्रकार हामिद मीर ने की है. उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को तोड़-मरोड़कर झूठ बोला है, जिसकी सच्चाई खुद उनके वीडियो में ही पता चल रही है.
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे हैं. सोमवार को ही उन्होंने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से द्विपक्षीय वार्ता की और एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. कॉन्फ्रेंस के दौरान शहबाज शरीफ ने पूरी कोशिश की कि रईसी कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में कुछ बोलें लेकिन वो बुरी तरह विफल रहे.