
पाकिस्तान की बर्बादी की असली वजह... चला था भारत को तबाह करने अब खुद हो गया कंगाल!
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पाकिस्तान की जनता आटे के पीछे भाग रही है और सरकार दुनियाभर में मदद के लिए दर-दर भटक रही है. पाकिस्तान में आटे के लिए मची मार दुनिया देखकर हैरान रह चुकी है.
वर्ल्ड बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान ने विकास में अपनी क्षमता का इस्तेमाल ही नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान मे लगभग 1500-1600 मेगावॉट बिजली सौर ऊर्जा से बनती है, जबकि उसके पास क्षमता 30 लाख मेगावॉट की है. पवन उर्जा की भी यही हालत है. पाकिस्तान के पास क्षमता लगभग साढ़े तीन लाख मेगावॉट की है. लेकिन अभी वो उत्पादन सिर्फ 1400 मेगावॉट के आसपास ही कर रहा है.
रोटी के लिए जंग दरअसल, पाकिस्तान अगर सही से अपने संसाधनों का इस्तेमाल करता तो ये नौबत नहीं आती. जनता आटे के पीछे भाग रही है और सरकार दुनियाभर में मदद के लिए दर-दर भटक रही है. पाकिस्तान में आटे के लिए मची मार दुनिया देखकर हैरान रह चुकी है, उसने देखा कि कैसे एक आटे की बोरी के लिए लोग एक दूसरे से झगड़ रहे हैं. अपने ही देशवासियों को नाले में गिरा रहे हैं.
पाकिस्तान में रोटी से लेकर गैस और बिजली तक के लिए लोग तरस रहे हैं. ताजा हालातों की बात करें तो गेहूं की किल्लत के चलते आटे का दाम 150 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है. पाकिस्तान में चिकन 650 पये प्रति किलो और दूध 150 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. रसोई गैस सिलेंडर का दाम 10,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुका है.
आतंकवाद प्रेम में बर्बाद पाकिस्तान बता दें, जिस कश्मीर (Kashmir) के लिए पाकिस्तान बर्बाद हो गया, जहां आतंकवादी भेजकर उस पर आतंकिस्तान का ठप्पा लग गया. उस कश्मीर के सुदूर इलाकों में जहां बिजली पहुंचने से लोग खुश हैं तो उसे बर्बाद करने में ही पाकिस्तान की बत्ती गुल हो गई. दरअसल, अनंतनाग के कुछ इलाकों में 75 साल के बाद बिजली पहुंची है, जिससे वहां के लोग बेहद खुश हैं. वहीं पाकिस्तान में लोग बिजली कट से परेशान है.
आतंक की आग में अंधा होने का खामियाजा पाकिस्तान की जनता भुगत रही है. सरकार पर लोग बरस रहे हैं. पूछ रही है कि जो पैसा विकास पर खर्च होना चाहिए था उसे उन्होंने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने पर क्यों खर्च कर दिया? पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (13 जनवरी तक 4.601 अरब डॉलर) आयात के एक महीने के लिए भी पर्याप्त नहीं है. इसलिए, सरकार IMF से किसी भी तरह कर्ज लेने के रास्ते तलाश रही है.
कराची की रहने वाली राब्या कहती हैं, मेरे घर में 556 यूनिट बिजली का खपत हुआ है. जिसका बिल 15560 रुपये आया है. बताओ कहां से बिल भरूं, किराया दूं, राशन लेकर आऊं, बिजली का बिल दें या टैक्स भरूं जिससे नेताओं की जेब भरे.' दरअसल पाकिस्तान में लगातार बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. नए रेट लागू होने के बाद से कंज्यूमर्स को 43 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है.













