पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांडः सभी दोषियों की सजा निलंबित करने और जमानत के आदेश को SC में चुनौती
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दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल फरवरी में इंडिया टुडे की पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के सभी 4 दोषियों की सजा निलंबित करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया था, लेकिन जिगिशा घोष हत्याकांड में दोषी होने की वजह से तीन हत्यारे अभी जेल में ही हैं.
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में सभी 4 दोषियों की सजा निलंबित करने और जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल फरवरी में इंडिया टुडे की पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के सभी 4 दोषियों की सजा निलंबित करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया था, लेकिन जिगिशा घोष हत्याकांड में दोषी होने की वजह से तीन हत्यारे अभी जेल में ही हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि सभी दोषी पहले ही 14 साल 9 महीने की कैद काट चुके हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस गिरीश कठपालिया की बेंच ने यह भी कहा था कि इस अपील के निपटारे में समय लगेगा, इसलिए सभी दोषियों को जमानत पर रिहा कर दिया जाए.
बता दें कि दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 30 सितंबर 2008 को सौम्या की हत्या के मामले में रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार को दोषी ठहराया था.
इस हत्याकांड की 15 साल तक चली सुनवाई के बाद दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पिछले साल 18 अक्टूबर को चार आरोपियों को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने 5 में से 4 आरोपियों को 24 नवंबर को डबल उम्रकैद यानी 25-25 की सजा सुनाई. यानी सजा एक के बाद एक मतलब 25 साल कैद के बाद फिर 25 साल कैद के तौर पर थी.
अपर सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे की कोर्ट ने सभी दोषियों पर सवा-सवा लाख का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने यह भी आदेश दिया था कि दोषियों पर लगाए गए कुल जुर्माने की राशि में से पीड़ित परिवार को भी दिए जाने का प्रावधान किया जाए. पीडित परिवार की अपील पर सोमवार 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई हो सकती है.
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