
न टेस्टिंग सुविधा, न वैक्सीन...14 लाख लोग बुखार की चपेट में, कैसे कोरोना से निपट रहा किम जोंग उन का उत्तर कोरिया?
AajTak
उत्तर कोरिया में अभी 663,910 लोग क्वारंटीन हैं. हालांकि, उत्तर कोरिया ने अभी यह पुष्टि नहीं की है कि बुखार के कितने मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है. इतना ही नहीं नॉर्थ कोरिया में टेस्टिंग की सुविधा भी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, जिससे संक्रमण का पता नहीं लग पा रहा है.
उत्तर कोरिया में कोरोना की पुष्टि के बाद से बुखार के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां मंगलवार को 269,510 लोगों में बुखार के लक्षणों की पुष्टि हुई है. इसके अलावा 6 और लोगों ने अपनी जान गंवा दी. उत्तर कोरिया में बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है.
नॉर्थ एंटी वायरस हेडक्वार्टर की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि अब तक बुखार से 56 लोगों की मौत हो गई. वहीं, अप्रैल से अब तक 14.8 लाख लोग बीमार पढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि उत्तर कोरिया में ज्यादातर लोग कोरोना के चलते बीमार चल रहे हैं. इतना ही नहीं गरीबी और कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली जैसे कारणों के चलते उत्तर कोरिया में कोरोना के टेस्ट की, वैक्सीन की और इलाज की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है.
कोरिया में 6.6 लाख लोग क्वारंटीन उत्तर कोरिया में अभी 663,910 लोग क्वारंटीन हैं. हालांकि, उत्तर कोरिया ने अभी यह पुष्टि नहीं की है कि बुखार के कितने मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है. इतना ही नहीं नॉर्थ कोरिया में टेस्टिंग की सुविधा भी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, जिससे संक्रमण का पता नहीं लग पा रहा है. बताया जा रहा है कि सिर्फ शेल्टर में रह लक्षण वाले मरीजों की ही इलाज उपलब्ध हो पा रहा है.
उत्तर कोरिया की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली को देखते हुए वायरस के संक्रमण को कम करने में विफल होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उत्तर कोरिया की आबादी 2.6 करोड़ है. माना जा रहा है कि इसमें ज्यादातर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. उत्तर कोरिया कुपोषण और गरीबी की अन्य स्थितियों का भी सामना कर रहा है. साथ ही यहां एंटीवायरल ड्रग्स और आईसीयू जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों की कमी है. इतना ही नहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया मौतों के आंकड़ों को कम करके बता रहा है, ताकि किम जोंग उन के नेतृत्व पर सवाल खड़े न हो सकें.
उत्तर कोरिया ने 2 साल तक कोरोना का केस न मिलने का किया दावा उत्तर कोरिया ने लगातार 2 सालों तक देश में कोरोना का एक भी केस न मिलने का दावा किया है. हालांकि, पिछले हफ्ते ही उत्तर कोरिया ने कोरोना का पहला केस मिलने का दावा किया है. हालांकि, उत्तर कोरिया ने यह पुष्टि नहीं कि कितने लोग कोरोना से संक्रमित हैं. किम जोंग ने उत्तर कोरिया में कोरोना केस की पुष्टि के बाद प्रतिबंधों का ऐलान किया था. उत्तर कोरिया में लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, टीचर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स को बुखार के लक्षण वाले लोगों की पहचान करने के लिए लगाया गया है. ताकि लोगों को क्वारंटीन किया जा सके. इससे पहले किम जोंग ने रविवार को स्वास्थ्य अधिकारियों को मेडिकल सप्लाई में देरी के लिए फटकार लगाई. इतना ही नहीं किम जोंग उन ने प्योंगयांग में सेना को तैनात करने का फैसला किया है, ताकि फार्मेसी पर समय पर दवाईयों की सप्लाई की जा सके. नॉर्थ कोरिया की समाचार एजेंसी के मुताबिक, कोरिया की सेना ने सोमवार को मेडिकल यूनिट के अधिकारियों को तैनात करना शुरू कर दिया. ताकि प्योंगयांग में दवाईयों की सप्लाई समय पर की जा सके.
नॉर्थ कोरिया ने यूएन की मदद ठुकराई नॉर्थ कोरिया ने यूएन वैक्सीन प्रोग्राम के द्वारा दी गई वैक्सीन की मदद को भी ठुकरा दिया था, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय मॉनिटरिंग से बच सके.इतना ही नहीं साउथ कोरिया ने भी सार्वजनिक तौर पर उत्तर कोरिया को वैक्सीन, दवाईयां और हेल्थ कर्मचारियों की पेशकश की थी. लेकिन नॉर्थकोरिया ने इसे ठुकरा दिया था. हालांकि, हाल ही में किम जोंग ने कोरोना से निपटने के तरीकों को लेकर चीन की तारीफ की थी. माना जा रहा है कि किम जोंग की इच्छा चीन से मदद लेने की है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







