नीतीश कुमार के अलग होते ही अमित शाह ने क्यों संभाल ली मिशन बिहार की कमान?
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बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद बीजेपी अब खुलकर मैदान में उतर रही और 2024 के चुनाव के लिए 34 प्लस का टारगेट तय किया है. इसी के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अगले महीने बिहार के सीमांचल दौरे पर पहुंच रहे हैं, जिसे महागठबंधन का मजबूत गढ़ माना जाता है.
बिहार में बदले सियासी समीकरण के बीच बीजेपी अपने सियासी आधार को मजबूत करने में जुट गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही अभी 20 महीने बाकी हों, लेकिन नीतीश कुमार के पाला बदलने के साथ ही बीजेपी ने 40 सीटों में से 35 प्लस जीतने का टारगेट तय कर रखा है. बीजेपी के इस लक्ष्य को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कंधों पर ले लिया है. इसी कड़ी में अमित शाह बिहार में मिशन-2024 का आगाज मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके से करने जा रहे हैं, जिसके जरिए महागठबंधन के मजबूत दुर्ग में सेंधमारी का प्लान है?
नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहली बार अगले महीने दो दिन के लिए बिहार दौरे पर पहुंचेंगे. शाह 23 सिंतबर को पुर्णिया और 24 सिंतबर को किशनगंज रैली करेंगे. अमित शाह मुख्य रूप से बिहार के उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जिसे आरजेडी के यादव-मुस्लिम समीकरण और महागठबंधन के गढ़ के रूप में देखा जाता है.
अमित शाह का दो दिवसीय बिहार दौरा
माना जा रहा है कि शाह महागठबंधन के मजबूत दुर्ग में मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर और नीतीश सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर राज्य में फतेह करने की सियासी बिसात बिछाएंगे. बीजेपी ने शुरू से ही सीमांचल को अपने टारगेट में इसलिए रखा है, क्योंकि इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है. सीमांचल में 40 से 70 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है. खासकर इस इलाके में बांग्लादेश घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है. ऐसे में अमित शाह अपने सीमांचल दौरे पर इस मुद्दे को रैली में उठा सकते हैं.
दरअसल, सीमांचल के जिलों में मुस्लिमों की बड़ी आबादी है, जिसके चलते बीजेपी जनसंख्या के असंतुलन और घुसपैठ को मुद्दा बनाती रही है. इतना ही नहीं महागठबंधन के दलों पर इस इलाके में तुष्टिकरण के आधार पर वोटों खींचने का आरोप लगाती रही है. जेडीयू के साथ होने के चलते बीजेपी खुलकर हिंदुत्व कार्ड नहीं खेलती थी, लेकिन बदले हुए माहौल में अपने एजेंडे पर सियासी समीकरण सेट करने का मौका दिख रहा है.
अमित शाह सीमांचल दौरे पर घुसपैठ की समस्या उठा सकते हैं तो साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ खींचने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को उनके सामने रखेंगे. बीजेपी की तरफ से इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है. मुख्य रूप से इन दोनों कार्यक्रमों के संयोजक बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल हैं, जो सीमांचल में काफी सक्रिय हैं और विधान पार्षद का चुनाव जीतते रहे हैं.
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