धमकियों से नहीं डरे, समाज के ठेकेदारों की नहीं की परवाह... पिता ने रानी को ऐसे बनाया हॉकी प्लेयर
AajTak
रानी के पिता रामपाल एक घोड़ा गाड़ी चलाते थे, लेकिन कभी भी उन्होंने रानी की डाइट और उसकी प्रैक्टिस में रुकावट नहीं आने दी. रानी की मां अपनी बेटी को हर रोज सुबह 4:00 बजे मैदान छोड़कर आती थीं. वहां पर खेलने के बाद घर वापस लाते समय तक यह क्रम यूं ही चलता रहता.
टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए अगस्त का महीना काफी अच्छा रहा है. जहां पहले दिन बैडमिंटन से शटलर पीवी सिंधु और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने खुशखबरी दी तो वहीं दूसरे दिन महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर सभी को चौंका दिया. ओलंपिक के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से पराजित कर दिया. भारतीय महिला हॉकी टीम का नेतृत्व कर रहीं रानी रामपाल समेत सभी खिलाड़ियों के घरों में जीत के बाद जश्न जैसा माहौल हो गया.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.