देश में कैसे बरपी कोरोना की दूसरी लहर, क्या कहते हैं दुनियाभर के विशेषज्ञ
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आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने आजतक से कहा कि हमें बढ़ती संख्या से नहीं डरना है. डरे तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे. सारी चीजें हमारे हाथ में हैं. कोविड संयमित व्यवहार का पालन करना होगा. सरकार जो कदम उठा रही है वो हमें याद दिलाने के लिए कर रही है.
देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है और संक्रमण के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों के बीच आजतक ने कुछ विशेषज्ञों के जरिए यह जानने की कोशिश की कि देश में दूसरी लहर कहां से आई और इसके समाधान के लिए क्या बड़े विकल्प हो सकते हैं. कोरोना की दूसरी लहर का कहर क्यों बरपा, इस पर आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने आजतक से कहा कि अभी जो आंकड़े बढ़ रहे हैं उसके बारे में सोचना हमारे बस में नहीं है. पैनिक होना या डरना इससे कोई फायदा नहीं होना है. बार-बार यही कहा जा रहा है कि नया वैरिएंट आया होगा. नए वैरिएंट की वजह से तेजी से मामले बढ़ रहे हैं लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि हमने कोरोना संयमित व्यवहार में कम किया इस वजह से मामले बढ़ रहे हैं. शादियों में काफी लोग शामिल हो रहे थे. कोरोना के मामले कम हो रहे थे इसलिए लोग लापरवाह हो गए.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.