दिल्लीः इंडस्ट्रियल एरिया में काम तो शुरू होगा, लेकिन फैक्ट्रियों में गिने-चुने मजदूर
AajTak
दिल्ली में सोमवार से इंडस्ट्रियल एरिया में कामकाज शुरू हो जाएगा, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर मजदूर अपने गांव लौट चुके हैं. ऐसे में फैक्ट्रियों में सिर्फ गिने-चुने मजदूर ही बचे हैं.
राजधानी दिल्ली में 31 मई की सुबह 5 बजे से इंडस्ट्रियल इलाकों में कामकाज शुरू हो जाएगा. अनलॉक की प्रक्रिया के तहत दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य के अलावा इंडस्ट्री खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं. 'आजतक' की टीम ने सेंट्रल दिल्ली के आनंद पर्वत में इंडस्ट्रियल इलाके का जायजा लिया, जहां मजदूरों की कमी साफ नजर आई. कोरोना की तबाही के बीच दिल्ली में 20 अप्रैल को लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी. कई हफ़्ते गुजर जाने के बाद दिल्ली को कोरोना से राहत मिलती नजर आ रही है. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान बिगड़ चुकी अर्थव्यवस्था को ऑक्सीजन देने का सिलसिला शुरू हो गया है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.