
तीन दिन के दौरे में पांच डील... जानिए वो 5 रक्षा समझौते जो भारत को बना देंगे 'सुपर पॉवर'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे. चीन के बढ़ते आक्रामक रुख पर लगाम कसने के लिए अमेरिका ने भारत को अपना रणनीतिक साझीदार बनाया है और अब वो उसकी ताकत और तकनीक को आगे बढ़ा रहा है. इस दौरे पर सबसे बड़ी डिफेंस डील होने जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं. वह 20 जून की रात को न्यूयॉर्क पहुंचे और इसी के साथ आने वाली उस घड़ी का इंतजार बढ़ गया है, जब पीएम मोदी अमेरिका के साथ अहम रक्षा डील करेंगे. जब पीएम मोदी अमेरिका पहुंचे तो इस दौरान व्हाइट हाउस से हुई प्रेस वार्ता में कहा गया कि, 'यह राजकीय यात्रा चीन या रूस के बारे में नहीं है, यह अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों को अपनी नींव पर सुधारने के बारे में है. वाशिंगटन डीसी में रणनीतिक संचार के NSC कॉर्डिनेटर, जॉन किर्बी ने कहा कि, 'यह पीएम मोदी या भारत सरकार को कुछ अलग करने के लिए मजबूर करने या मजबूर करने के बारे में नहीं है.'
दोनों देशों के बीच डिफेंस डील बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं. यह उनकी पहली स्टेट विजिट है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के न्योते पर अमेरिकी पहुंचे पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरे पर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा न्यूयॉर्क में योग दिवस पर योग करेंगे. साथ ही वे व्हाइट हाउस में आयोजित किए गए रात्रिभोज में शामिल होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डील होंगीं.
भारत और अमेरिका की बीच हैं गहरे संबंधः पीएम मोदी अमेरिका दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा था, भारत और अमेरिका के बीच संबंध गहरे हैं और हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी लगातार बढ़ी है. राष्ट्रपति बाइडेन और दूसरे अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी बातचीत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और आगे लेकर जाएगी. मुझे विश्वास है कि अमेरिका की मेरी यात्रा डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और आजादी के मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी. हम वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ मजबूती से खड़े हैं.
अमेरिका और भारत के बीच इन समझौतों पर लगेगी मुहर पीएम मोदी के इस दौरे पर भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डीलों पर मुहर लगेगी. लेकिन डिफेंस डील सबसे अहम मानी जा रही हैं. पीएम के इस दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. इससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणामों में से एक होने की उम्मीद है.
कई गुना बढ़ेगी भारत की ताकत भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. 21 जून से पीएम मोदी के अमेरिकी दौर पर ये डील फाइनल होगी जिससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पीएम मोदी के इस दौरे से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. जेक सुलिवन को इस मेगा डिफेंस डील का सूत्रधार माना जाता है. उनके साथ मिलकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल जनवरी के बाद जबरदस्त काम किया. डिफेंस डील की बारीकियों को साझा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया. वहीं इस मुलाकात से पहले आईसीईटी की बैठक के दौरान जेक सुलिवान ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन की खुशी साझा की.
जनवरी 2023 से हो रही डोभाल-सुलिवन की बातचीत जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच जनवरी 2023 के बाद बातचीत शुरू हुई थी. कई दौर की बातचीत के बाद अब भारत-अमेरिका का रक्षा सौदा निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. ये सौदा रूस के साथ भारत के रक्षा संबंधों में आई अड़चनों के बीच तेजी से आगे बढ़ा. दरअसल, यूक्रेन युद्ध में उलझा रूस भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा नहीं कर पा रहा था और उधर चीन का खतरा भारत ही नहीं दुनिया के लिए लगातार बढ़ता जा रहा था.

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