तंबाकू निषेध दिवस: पैसिव स्मोकिंग कितना हानिकारक हो सकता है, जानिए
BBC
हैदराबाद की नलिनी खुद ध्रूमपान नहीं करती हैं लेकिन पति की स्मोकिंग ने उन्हें कैंसर का मरीज़ बना दिया.
नलिनी ने कभी ध्रूमपान नहीं किया लेकिन पति ध्रूमपान करते थे. इसके चलते अप्रत्यक्ष तौर पर तंबाकू का धुंआ वह सांस लेती रहीं और वह कैंसर की चपेट में आ गयीं.
नलिनी का उदाहरण कोई अकेला उदाहरण नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अप्रत्यक्ष तौर पर तंबाकू सेवन करने वाले करीब 12 साल लोगों की मौत प्रत्येक साल होती है.
75 साल की नलिनी सत्यानारायण कहती हैं, "मैं नाक से सांस नहीं ले पाती हूं. गले में बनी सुराख से सांस लेना होता है."
नलिनी 33 साल के अपने शादीशुदा जीवन में अप्रत्यक्ष तौर पर तंबाकू का सेवन करती रहीं, क्योंकि पति ध्रूमपान करते थे. पति के निधन के पांच साल बाद, 2010 में उन्हें कैंसर हो गया.
हैदराबाद की नलिनी बताती हैं, "मेरे पति चेन स्मोकर थे. मुझे नहीं पता था कि इसका असर मुझ पर भी होगा और यह इतना ख़राब हो सकता है. मैं हमेशा उनकी चिंता किया करती थी और उन्हें ध्रूमपान से रोकने की कोशिश करती थी, लेकिन वे नहीं बदले."