
डूबे गांव, बेघर लोग, हर तरफ तबाही... लेकिन पूरी तरह 'सुरक्षित' हैं बिहार के तटबंध
AajTak
तटबंध के टूटने के बाद कोसी नदी का पानी दरभंगा के कुशेश्वरस्थान और बिरौल इलाके में काफी तेजी से फैल रहा है. हजारों की आबादी अपने-अपने घरों को छोड़कर अब तक तटबंद पर आकर बस गई है, क्योंकि इनके पास रहने के लिए तटबंध से सुरक्षित और कोई स्थान अब नहीं बचा है.
बिहार (Bihar) के उत्तरी इलाके से गुजरने वाली सभी नदियां मौजूदा वक्त में उफान पर हैं और जिले इस बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. गांव के गांव डूब चुके हैं, लोग बेघर होने को मजबूर हैं. घरों से सामान निकाल कर भटक रहे लोग किसी ऐसे कोने की तलाश में हैं, जहां उन्हें ठहरने के लिए सहारा मिल जाए. बिहार सरकार बार-बार यह दावा कर रही थी कि सभी तटबंध पूरी तरीके से सुरक्षित हैं लेकिन पिछले 24 घंटे में जिस तरह से कई जिलों में तटबंध टूटे हैं, उसके बाद सरकार के सभी दावों की पोल खुल गई है.
मगर हां, बिहार के सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. सुरक्षित इस मामले में नहीं हैं कि वह गांव के हजारों-लाखों घरों और मकानों को बाढ़ के पानी से बचाया जा सके बल्कि इस तरह से सुरक्षित है कि जब तटबंध टूट जाए और घर-मकान डूब जाए तो आप इस तटबंध पर आकर आसरा ले सकें. इसके लिए तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित जगह है.
आज तक की टीम सोमवार को दरभंगा जिले के जमालपुर थाना के अंतर्गत भूभोल इलाके में पहुंची, जहां पर रविवार देर रात कोसी नदी पर बना पश्चिमी तटबंध टूट गया. इसके बाद कोसी नदी का पानी तेजी से दरभंगा के लाखों लोगों के लिए खतरे का सबब बन गया है.
हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर
तटबंध के टूटने के बाद कोसी नदी का पानी दरभंगा के कुशेश्वरस्थान और बिरौल इलाके में काफी तेजी से फैल रहा है. हजारों की आबादी अपने-अपने घरों को छोड़कर अब तक तटबंद पर आकर बस गई है, क्योंकि इनके पास रहने के लिए तटबंध से सुरक्षित और कोई स्थान अब नहीं बचा है.
हजारों की आबादी में महिलाएं, छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग, पुरुष और मवेशी सहित सभी सड़क पर आसरा लिए हुए हैं. सरकार की तरफ से इन लोगों को किसी भी तरह की मदद नहीं होने का दावा किया जा रहा है. लोग बता रहे हैं कि उनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है और इन्हें न कोई राहत सामग्री या खाने के लिए कुछ दिया गया है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







