
'ट्रंप पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दो मोदी जी, हम साथ हैं', बोले अरविंद केजरीवाल
AajTak
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि ट्रंप के दबाव में नहीं आए. भारत को भी चीन और कनाडा की तरफ बोल्ड फैसले लेने होंगे.
अमेरिका की ओर से भारत पर लगाया गया 50 फीसदी टैरिफ लागू हो चुका है. लेकिन इससे देश में आक्रोश है. इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अमेरिका ने गुंडागर्दी करके 50 फीसदी टैरिफ लगाया है तो हमें भी इसी तरह का सख्त कदम उठाना चाहिए था.
केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने पीठ पीछे चोरी-चोरी कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो देश के किसानों के लिए धोखा है. अभी 90 से 95 फीसदी किसानों को पता ही नहीं है कि क्या हो गया? जब ये फैसले सामने आएंगे तो ढेरों किसानों के पास आत्महत्या करने के सिवाए कोई चारा नहीं बचेगा. बीते दिनों मोदी जी ने ट्रंप के दबाव में फैसला लिया है कि अमेरिका से जो कपास भारत आती है, अभी तक उस पर 11 फीसदी ड्यूटी लगती थी. इस वजह से अमेरिका से जो कपास आती थी. उसकी तुलना में भारत के किसानों की कपास सस्ती होती थी. इस वजह से यह मंडी के अंदर बिक जाती थी. लेकिन मोदी सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक 40 दिनों के लिए अमेरिका से आने वाली कपास पर ड्यूटी हटा दी थी. यह देश के किसानों के लिए धोखा है. अब जो अमेरिका से कपास आएगी, वो भारत के किसानों के कपास की तुलना में 15 से 20 रुपये प्रति किलो स्सती है. ऐसे में भारत के किसान कहां जाएंगे? वो अपनी कपास कहां बेचेंगे?
केजरीवाल ने कहा कि ट्रंप एक कायर आदमी है. वह एकतरफा फैसला ले रहा है. जो भी देश ट्रंप के खिलाफ खड़ा हुआ, उसे ट्रंप के आगे झुकना पड़ा है. आज हमारा देश दो तरफ से मार खा रहा है. एक तरफ ट्रंप ने हमारे एक्सपोर्ट पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. इससे हमारी डोमेस्टिक इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर पहुंच गई है. वहीं, जो माल अमेरिका से आता था, मोदी जी बदले में उस पर टैरिफ खत्म कर दिया है.
केजरीवाल ने कहा कि ट्रंप ने हम पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है तो हमें उस पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देना था. चीन और कनाडा जैसे देशों ने अमेरिका को झुका दिया. हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? पूरा देश जानना चाहता है कि मोदी जी आप क्यों झुके? दुनिया का कोई भी देश भारत की नाराजगी बर्दाश्त नहीं कर सकता. आप हिम्मत दिखाइए, हम आपके साथ खड़े हैं.
उन्होंने कहा कि ट्रंप के दबाव में फैसले लिए जा रहे हैं. लेकिन हम मांग करते हैं कि हमें हिम्मत दिखानी होगी. आज किसानों के साथ धोखा हो रहा है. किसानों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा है. हमें किसानों के लिए उठ खड़ा होना होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







