'जो कहते हैं, वो करते नहीं', जयशंकर ने अमीर देशों को दिखाया आईना
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर बड़ा बयान दिया है. एस जयशंकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर जिम्मेदार देशों को जल्द से जल्द कदम उठाने और वैश्विक तापमान के रोकथाम की दिशा में काम करने की जरूरत है.
दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार देशों को जल्द से जल्द कदम उठाने और वैश्विक तापमान को बढ़ने से रोकने की दिशा में काम करने की जरूरत है. अबू धाबी में जलवायु, वित्त और प्रौद्योगिकी विषय पर ''इंडिया ग्लोबल फोरम यूएई समिट'' को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने ये बात कही हैं.
एस जयशंकर ने कहा कि जो कार्बन स्पेस पर कब्जा कर रहे हैं, वे लगातार सिर्फ वादा करते आ रहे हैं कि दूसरों की मदद करेंगे. एस जयशंकर ने आगे कहा कि ये लोग हर COP (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज) में कुछ नए तर्क और बहानेबाजी के साथ शामिल होते हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जिस परेशानी का हम आज सामना कर रहे हैं, वही परेशानी सालों पहले भी थी. एस जयशंकर ने कहा कि विकसित देश अब भी अपने वादों को निभाने के बारे में गंभीर नहीं हैं. एस जयशंकर ने कहा कि जलवायु को लेकर जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होगी, वैसे ये सभी विकसित देश अपने वादों से मुकरते चले जाएंगे.
एस जयशंकर ने आगे कहा कि विकसित देश जानबूझकर ऐसी बहस छेड़ देते हैं जिससे कंफ्यूजन बढ़े. अचानक ये किसी देश को सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक बता देंगे. फिर उससे कहेंगे कि आप सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं, इसलिए आपको आगे आना चाहिए. भले ही उस देश का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन बाकी दुनिया की तुलना में 10 फीसदी भी ना हो लेकिन उस देश को कसूरवार पेश कर दिया जाएगा. जयशंकर ने कहा, अब लोगों को ईमानदार होकर बताने की जरूरत है कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए असल जिम्मेदार कौन से देश हैं.
अमेरिका भारत और चीन पर फोड़ चुका है ठीकरा
दो साल पहले अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से बाहर हो गया था. पेरिस जलवायु समझौते का मकसद कार्बन उत्सर्जन और ग्रीन हाउस गैस प्रदूषण में कमी लाकर ग्लोबल वार्मिंग को रोकना था. अमेरिका का कहना था कि भारत और चीन जैसे देश ग्लोबल वार्मिंग के लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं.