जिन्ना Vs गन्ना: कहां खड़ा है अलीगढ़, पश्चिमी यूपी में फिर राजनीतिक प्रयोग की कोशिश तो नहीं?
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जिन्ना के नाम पर सियासत की शुरुआत अलीगढ़ से होती है. तालों का शहर और शिक्षा का मक्का मदीना कहे जाने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय वाले इस शहर की अपनी एक ऐतिहासिक विरासत है. लेकिन इस शहर पर विवादों का साया तब पड़ा जब साल 2018 में जिन्ना का जिन्न पहली बार जागा.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का औपचारिक बिगुल बजना बाकी है लेकिन चुनाव प्रचार पहले ही शुरू हो चुका है. कहीं मुद्दों का शोर है तो कहीं मुद्दे बनाए जा रहे हैं. पश्चिमी क्षेत्र में एक बार फिर जिन्ना का नाम गूंजने लगा है. मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर के इतिहास चाहे कुछ भी कहे, लेकिन राजनीति में जिन्ना के नाम को जिंदा रखने की कोशिश की जा रही है ताकि चुनाव में सियासी फायदा उठाया जा सके. तो क्या राजनीति की प्रयोगशाला कहे जाने वाले पश्चिम उत्तर प्रदेश में जिन्ना के नाम पर एक बार फिर राजनीतिक प्रयोग करने की कोशिश तो नहीं?
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.