
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में ED की एंट्री, अंसार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
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जहांगीरपुरी हिंसा मामले में इंडिया टुडे को पता चला है कि ईडी इस बात की भी जांच करेगी कि अंसार या अन्य को किसी संगठन या व्यक्ति से जहांगीरपुरी हिंसा के लिए कोई फंड तो नहीं मिला था?
दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की एंट्री हो गई है. सूत्रों की मानें तो ईडी ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. मामला दर्ज करने से एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पत्र मिला था. इसमें जहांगीरपुरी हिंसा मामले में मुख्य साजिशकर्ता अंसार की जांच के लिए आग्रह किया गया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी इलाके में तोड़फोड़ पर रोक लगाई थी.
सूत्रों का कहना है कि ईडी के अधिकारी ना सिर्फ अंसार, बल्कि अन्य लोगों की भी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच करेंगे. सूत्रों का कहना है कि अंसार के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा सबमिट किए गए डाक्यूमेंट्स और हिंसा मामले में भूमिका सामने के बाद ईडी ने जहांगीरपुरी घटना में FIR के आधार पर PMLA का केस दर्ज किया है.
अंसार समेत अन्य आरोपियों के बैंक खाते तलाशेगी ईडी इंडिया टुडे को पता चला है कि ईडी इस बात की भी जांच करेगी कि अंसार या अन्य को किसी संगठन या व्यक्ति से जहांगीरपुरी हिंसा के लिए कोई फंड तो नहीं मिला था? ईडी की टीम अंसार और अन्य आरोपियों के बैंक खातों और संपत्ति के बारे में भी जांच करेंगे.
आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया है NSA अब तक की पुलिस जांच के मुताबिक, मोहम्मद अंसार कथित तौर पर जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है और उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है. अंसार इस समय रिमांड पर है. पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है. बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने अंसार और चार अन्य के खिलाफ हिंसा में कथित भूमिका के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाया.
ये है पूरा मामला जहांगीरपुरी इलाके में 9 अप्रैल को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया था, जिसमें 8 पुलिसकर्मी और एक स्थानीय शख्स जख्मी हो गया था. संघर्ष के दौरान पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थीं और गाड़ियों को भी जला दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने अंसार समेत कई लोगों को अरेस्ट किया है.

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