जहर से मौत या हार्ट अटैक? जानिए, मुख्तार अंसारी की मौत के आखिरी 110 मिनट की पूरी कहानी
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26 मार्च को मुख्तार अंसारी की तबीयत दूसरी बार बिगड़ी. इस वो जेल के अंदर ही बेहोश गया था. उसे फौरन बांदा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. जहां 17 घंटे तक उसका इलाज किया गया. अस्पताल से लौटने के 48 घंटे बाद फिर तीसरी बार मुख्तार की तबीयत खराब हो गई और वो बेहोश हो गया. और यहीं से मुख्तार की जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी.
Mukhtar Ansari Death: गाजीपुर के कब्रिस्तान में पूर्व विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. लेकिन उसकी मौत पर सवाल उठ रहे हैं. जिसके चलते इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश भी दिए गए हैं. मुख्तार के परिवार ने उसे स्लो प्वाइज़न दिए जाने का आरोप लगाया है. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसकी मौत की वजह सिर्फ हार्ट अटैक बता रही है. पहली बार 19 मार्च को बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी. उसे उल्टी और पेट दर्द की शिकायत थी. इसके बाद 26 मार्च को मुख्तार अंसारी की तबीयत दूसरी बार बिगड़ी. वो जेल के अंदर ही बेहोश गया था. उसे फौरन बांदा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. जहां 17 घंटे तक उसका इलाज किया गया. अस्पताल से लौटने के 48 घंटे बाद फिर तीसरी बार मुख्तार की तबीयत खराब हो गई और वो बेहोश हो गया. और यहीं से मुख्तार की जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी.
28 मार्च 2024, शाम के 6 बजकर 40 मिनट, बांदा जेल यही वो वक़्त था, जब जेल के अंदर अचानक मुख्तार अंसारी को उल्टियां हुई और फिर वो बेहोश होकर गिर पड़ा. अस्पताल में मौजूद डॉक्टर फौरन उसे देखने आए लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने मुख्तार को तुरंत बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की सलाह दी. असल में 19 मार्च से ही मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब थी. 19 मार्च को भी मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी. तब भी उसे उल्टियां हुई और पेट दर्द था. लेकिन तब जेल के डॉक्टरों ने ही उसका इलाज किया था. इसके अगले दिन यानी 20 मार्च को मऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी थी. इस पेशी के दौरान मुख्तार ने ये इल्जाम लगाया था कि 19 मार्च की रात उसे खाने में जहर देकर मारने की साजिश रची गई थी.
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पेट दर्द से परेशान था मुख्तार वैसे तो 19 मार्च से लेकर 26 मार्च की रात तक मुख्तार अंसारी की तबीयत ठीक थी, लेकिन वो पेट दर्द से परेशान था. फिर 26 मार्च को तड़के करीब 3 बजे मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर से अचानक ज्यादा बिगड़ गई. मुख्तार अंसारी वॉशरूम में अचानक बेहोश हो गया था. उसकी इस हालत को देखते हुए जेल स्टाफ ने उसे उसी वक्त बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने का फैसला किया. 26 मार्च को पूरे दिन मुख्तार बांदा अस्पताल में ही भर्ती रहा. फिर करीब 17 घंटे बाद रात 8 बजे डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया. अस्पताल से जेल लौटने से पहले तब मुख्तार अंसारी ने अपने परिवार से फोन पर बात की थी. इस बातचीत में उसने अपनी बीमारी और अपनी हालत के बारे में बताया था.
रात 8 बजकर 25 मिनट पर डॉक्टरों ने किया मृत घोषित 27 मार्च को भी मुख्तार की हालत ठीक थी. हालांकि वो लगातार कमजोरी और पेट दर्द की शिकायत कर रहा था. फिर 28 मार्च की शाम 6 बज कर चालीस मिनट पर अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वो फिर से बेहोश हो गया. अब मुख्तार को दो दिन के अंदर दूसरी बार बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. जब वो जेल से अस्पताल पहुंचा, तब भी बेहोश था. उसकी हालत बेहद नाजुक थी. इसके बाद रात ठीक 8 बजकर 25 मिनट पर बांदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मुख्तार को मुर्दा करार दे दिया. इस मेडिकल बुलेटिन में डॉक्टरों ने मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ना बताया है.
9 जनवरी 2018 को आया था हार्ट अटैक दरअसल, मुख्तार अंसारी दिल की बीमारी का पुराना मरीज रहा है. लखनऊ के केजीएमएसी यानी किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिल की बीमारी को लेकर मुख्तार का लंबा इलाज चला है. इतना ही नहीं 9 जनवरी 2018 को भी इसी बांदा जेल में मुख्तार को एक बार दिल का दौरा पड़ा था. दरअसल, उस दिन मुख्तार का परिवार मुलाकात पर बांदा जेल पहुंचा था. मुलाकात के दौरान मुख्तार समेत अंसारी परिवार को जेल में ही चाय दी गई थी. मगर चाय पीने के कुछ देर बाद ही अचानक मुख्तार अंसारी के सीने में तेज दर्द उठा और वो गिर पड़ा.
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