जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का शिलान्यास, CJI बोले- हर किसी को मिले न्याय
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राइका में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग की आधारशिला रखी गई. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में न्यायिक अधिकारियों को फ्रंड वॉरियर बताते हुए न्याय चाहने वाले आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रोत्साहित किया.
भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को राइका में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग की आधारशिला रखी. इस दौरान उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) आदि भी मौजूद रहे. इसके साथ ही हाईकोर्ट के लिए दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली (डीएमएस) और जिला कोर्ट के लिए राष्ट्रीय सेवा और इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया की ट्रैकिंग (एन-एसटीईपी) भी लॉन्च की गई.
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में न्यायिक अधिकारियों को फ्रंड वॉरियर बताते हुए न्याय चाहने वाले आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि समाज के हर वर्ग, गरीब या वंचित को न्याय तक पहुंच मिले. नए हाईकोर्ट परिसर की नींव और नई लॉन्च की गई आईटी पहल न्याय वितरण प्रणाली में सुधार लाने में अग्रणी कदम हैं.”
उन्होंने न्याय प्रदान करने में महिलाओं की उत्पादक भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया.
वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नया हाईकोर्ट परिसर अत्याधुनिक भौतिक बुनियादी ढांचे और आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक एकीकृत परिसर होगा. भारत की आजादी की 75 साल की यात्रा इस बात की गवाह है कि लोकतांत्रिक संस्थाएं आम नागरिकों की आशा और आकांक्षाओं को पूरा कर रही हैं. हमारे संविधान ने मार्गदर्शक के रूप में सभी के लिए समृद्धि, सामाजिक-आर्थिक प्रगति और सम्मान सुनिश्चित किया है."
उपराज्यपाल ने कहा कि हाईकोर्ट और सभी जिला कोर्ट के लिए आज शुरू की गई दो महत्वपूर्ण आईटी पहल कानूनी प्रणाली को सभी के लिए समावेशी और सुलभ बनाएगी. उपराज्यपाल ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में कोर्ट की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) सक्षमता के लिए की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला.

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