जब दो साल के बेटे की मौत से टूट गए थे सतीश कौशिक, फिर सरोगेसी से बने पिता, फिल्मी पर्दे पर कमाया खूब नाम
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एक दिन पहले तक होली के जश्न में डूबे लोगों ने सोचा भी नहीं होगा अगली सुबह इतनी काली होगी. लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. सतीश कौशिक के अचानक यूं चले जाने से उनका परिवार, फैंस और तमाम सेलेब्स को गहरा झटका लगा. कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे.
सबसे चेहरों पर मुस्कान लाने वाले दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिश हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं. सतीश कौशिक का निधन हो गया. 67 साल की उम्र में सतीश कौशिक ने अंतिम सांस ली और दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. एक्टर के निधन से हर कोई गहरे सदमे में है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में मायूसी छा गई है.
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एक दिन पहले तक होली के जश्न में डूबे लोगों ने सोचा भी नहीं होगा अगली सुबह इतनी काली होगी. लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. सतीश कौशिक के अचानक यूं चले जाने से उनका परिवार, फैंस और तमाम सेलेब्स को गहरा झटका लगा है. कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे.
हरियाणा से निकलकर कैसे स्टार बने थे सतीश कौशिक?
सतीश कौशिक ने सपनों की महानगरी मुंबई आकर एक एक्टर और डायरेक्टर के तौर पर खास पहचान बनाई. लेकिन असल वो हारियाणा के रहने वाले थे. सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को महेंद्रगढ़ जिले में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई हरियाणा और दिल्ली से की थी. साल 1972 में उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने फिर एफटीआईआई (Film and Television Institute of India) से एक्टिंग की पढ़ाई की थी.
'मासूम' फिल्म से की एक्टिंग की शुरुआत कम ही लोग जानते हैं कि सतीश कौशिक ने अपने करियर की शुरुआत साल 1983 में फिल्म मासूम से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की थी. इसी फिल्म से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखा था. इसके बाद फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' से उन्होंने एक डायरेक्टर के तौर पर डेब्यू किया. फिल्मों में डायरेक्शन और एक्टिंग के साथ उन्होंने स्क्रीन पर कॉमेडी करके भी लोगों का दिल जीता. फिल्म 'राम-लखन' और 'साजन चले ससुराल' के लिए उन्हें दो बार बेस्ट कॉमीडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.