![चीन के आने के बाद स्पेस की रेस से कितनी बदल रही दुनिया? - दुनिया जहान](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/110B0/production/_122580896_065226604.jpg)
चीन के आने के बाद स्पेस की रेस से कितनी बदल रही दुनिया? - दुनिया जहान
BBC
अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना राष्ट्रीय सम्मान का मसला है या फिर देश के विकास के लिए उठाया गया क़दम. अंतरिक्ष में आगे बढ़ने की होड़ धरती पर किस तरह के बदलाव ला रही है.
दशकों से अंतरिक्ष वो जगह रहा है जिसे मुल्क अपनी महत्वाकांक्षा से जोड़ कर देखते रहे हैं. अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के कई मुल्क ख़ुद को एक-दूसरे से आगे साबित करने की रेस में हैं.
शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के बीच केवल हथियारों की दौड़ नहीं थी बल्कि वो धरती से परे अंतरिक्ष तकनीक में भी एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में थे.
लेकिन, हाल के वक्त में चीन चांद के धरती से न दिखने वाले इलाक़े में सफलतापूर्वक मानवरहित यान उतारने में कामयाब रहा है.
2019 में पहली बार चांद की उस जगह पर मिशन उतारा गया जो धरती से नहीं दिखता. इस जगह को चांद का दक्षिणी ध्रुव या फ़ार साइड कहा जाता है. वैज्ञानिक मानते हैं कि जिस वॉन कार्मन क्रेटर के नज़दीक यान उतरा वो अब तक अनछुआ रहा है.
कुछ सप्ताह पहले यान के साथ गए रोवर ने क्रेटर से 80 मीटर दूर एक घनाकार चीज़ देखी जिसे 'मिस्ट्री हट' नाम दिया गया. ये उपलब्धि है चीन के चांग-ई 4 मिशन की.