खबरदार: रेजांग ला की लड़ाई... पराक्रम की पराकाष्ठा, जानें शहीदों की शौर्यगाथा
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देश के इतिहास में ऐसी कई तारीखें दर्ज हैं जो भारतीय सैनिकों के साहस-बहादुरी और बलिदान की कहानियां कहती हैं. आज एक ऐसी ही तारीख है. जब देश के 120 जवानों ने 1962 के युद्ध में चीन के 1,300 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था. जिसमें देश के 114 वीर सपूतों ने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया था. इसे पूरी दुनिया रेजांग ला की लड़ाई के नाम से जानती है. 59 साल पहले आज के दिन यानी 18 नवंबर 1962 को लद्दाख की चुशुल घाटी में प्रवेश का रास्ता. रेजांग ला भारतीय सैनिकों के इस बहादुरी और बलिदान के जज्बे का गवाह बना था. इस वीडियो में देखें शहीदों की शौर्यगाथा.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.