
क्यों पानी के रास्ते आने वालों के खिलाफ लामबंद हुई ब्रिटिश सरकार, नावों से पहुंचने वाले घुसपैठियों के साथ क्या होगा वहां?
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ब्रिटेन में अवैध तरीके से आ रहे प्रवासियों पर जमकर विवाद हो रहा है. पीएम ऋषि सुनक ने स्टॉप द बोट कैंपेन चलाया था, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि छोटी नावों के जरिए सरहद तक पहुंचने वालों को देश में नहीं रखा जाएगा. अब इसपर कानूनी मुहर लग चुकी. Illegal Migration Bill ब्रिटिश संसद के निचले सदन में पास हो चुका.
यूनाइटेड किंगडम में इस समय कई चीजें एक साथ चल रही हैं. आने वाले कुछ दिनों में किंग चार्ल्स की ताजपोशी होनी है. सारा देश उसकी तैयारियों में व्यस्त है. इस बीच संसद के निचले सदन में अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए बिल पास हो चुका. अब इसपर हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बात होगी.
माना जा रहा है कि अगर बिल यहां भी पास हो गया, तो नावों के जरिए इंग्लिश चैनल पार करने वालों को दोहरी मुसीबत झेलनी होगी. वे जान जोखिम में डालकर छोटी बोट्स पर बैठकर ब्रिटेन पहुंचेंगे तो लेकिन वहां उन्हें टिकने नहीं दिया जाएगा, बल्कि तुरंत किसी 'सेफ थर्ड कंट्री' भेज दिया जाएगा.
बोट से आने वालों पर क्यों है एतराज?
बीते कुछ सालों में अल्बानिया, अफगानिस्तान और सीरिया से आने वाले ऐसे लोग बढ़े जो सड़क या हवाई रास्ते की बजाए पानी के रास्ते आ रहे हैं. ब्रिटेन इसे मुश्किल मान रहा है. दरअसल ये एक गैरकानूनी तरीका है, जिसमें ट्रैफिकर कुछ पैसे लेकर लोगों को अवैध तरीके से ब्रिटेन या मनचाहे देश पहुंचा देते हैं. अवैध इसलिए कि नावों से आ रहे लगभग 98% लोगों के पास पासपोर्ट नहीं होता. वे बिना किसी पहचान के यूके पहुंच जाते हैं.
होम ऑफिस के इमिग्रेशन इन्फोर्समेंट विभाग का कहना है कि केवल 2 प्रतिशत लोग ही पहचान-पत्र के साथ होते हैं. ऐसे में अगर वे आतंकी हैं, या किसी भी गलत इरादे के साथ पहुंचे तो जांच बहुत मुश्किल हो जाती है.
पेट्रोलिंग के नहीं थे पक्के इंतजाम

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