
क्यों अफ्रीकी महाद्वीप पर दशकों से चल रही लड़ाइयां, यूक्रेन से भी ज्यादा खून बहने के बाद भी क्यों नहीं हो रही चर्चा?
AajTak
अफ्रीकी देश सूडान में कई दिनों से जंग जारी है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष में लगातार जानें जा रही हैं. माना जा रहा है कि लड़ाई लंबी खिंची तो काफी नुकसान हो सकता है. वैसे अफ्रीका के लगभग सारे ही देश लगातार किसी ने किसी जंग में उलझे रहते हैं. यहां तक कि इसे सबसे अस्थिर महाद्वीप माना जाता है, जहां रहना खतरे से खाली नहीं.
कुछ समय पहले ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस ने माना कि अफ्रीका के ज्यादातर देशों में अंदरुनी झगड़ा-फसाद चलता रहता है. इसके मुताबिक, नब्बे के दशक में आर्म्ड कन्फ्लिक्ट अपने चरम पर था. तब दुनिया में कोल्ड वॉर खत्म हो रहा था और देश अपनी सीमाएं ग्लोबल व्यापार के लिए खोलने को तैयार हो रहे थे. वहीं अफ्रीका के कई देश सिविल वॉर में उलझे हुए थे. अगले कुछ सालों के बाद युद्ध के हालात हल्के पड़े, लेकिन पूरी तरह थमे नहीं. साल 2015 में इस महाद्वीप के कई बड़े देश एक बार फिर से अस्थिर हो गए. सूडान में आया भूचाल इसमें से एक है.
सबसे पहले ताजा मामला समझते चलें भारत की आजादी के लगभग 10 सालों बाद सूडान भी आजाद हुआ. इसके बाद शुरुआती उथलपुथल के बाद देश स्थिर हो सकता था, लेकिन यहां लगातार गृहयुद्ध होता रहा. इसे कन्फ्लिक्ट ट्रैप कहते हैं. युद्ध के जानकार दावा करते हैं कि गुलामी से आजादी के बाद ज्यादातर देश विकास के रास्ते पर नहीं चल पाते, बल्कि दूसरी लड़ाइयों में उलझकर रह जाते हैं. आजादी में सहयोग कर चुके गुट आपस में लड़ने लगते हैं और गृहयुद्ध के हालात बन जाते हैं. ऐसा अक्सर होता है. सूडान के साथ भी यही हुआ. आजादी के बाद से वहां लगातार लोकल समूह ही सत्ता के लिए झगड़ते रहे.
फिलहाल वहां सैनिक और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई जारी सत्ता पाने के लिए छिड़ी इस जंग का खतरनाक पहलू ये है कि ये दो सबसे ताकतवर जनरलों के बीच की लड़ाई है. सूडान सेना के कमांडर जनरल अब्देल फतह अल बुरहान और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है. साल 2021 में दोनों साथ थे और तत्कालीन सत्तापलट के लिए मिलकर काम किया. इस दौरान कुछ कथित तौर पर कुछ समझौते हुए थे, जिन्हें लेकर दोनों जनरलों की ठनी हुई है.
वे सूडान की राजधानी खारतूम से लेकर सभी बड़े शहरों पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं, जिससे पूरे देश में इमरजेंसी के हालात बन चुके हैं. आशंका जताई जा रही है कि आजादी के इतने सालों बाद भी चला आ रहा संघर्ष देश को बिल्कुल तोड़कर रख देगा.
लगभग सारे देश कहीं न कहीं अस्थिर रहे संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अफ्रीकी महाद्वीप में कुल 54 देश हैं. ये सभी देश कम-ज्यादा समय के लिए लड़ाई में उलझे रहे. किसी भी मुल्क के बारे में ये नहीं कहा जा सकता कि वहां आंतरिक लड़ाई या आपसी लड़ाई नहीं हुई. यहां के दूसरे सबसे बड़े देश कांगो में एक नहीं, बल्कि दो बार भारी युद्ध छिड़ा.
कांगो युद्ध में हुए भारी नुकसान पर मामूली चर्चा नब्बे के मध्य में छिड़ी इन दो लड़ाइयों के बारे में कहा जाता है कि इनमें उतना ही नुकसान हुआ, जितना दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध से हुआ. इस दौरान लगभग 50 लाख लोग मारे गए. लाखों लोगों का घर-बार छूटा और करोड़ों लोग भुखमरी का शिकार हुए. एक्सपर्ट इसे ऐसी मानवीय आपदा मानते हैं, जिस बारे में बात नहीं हुई.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







