कोवैक्सीन-स्पुतनिक पर US को भरोसा नहीं, अमेरिका में पढ़ने के लिए दोबारा लगानी होगी वैक्सीन
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अगर आपने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक-V लगवाई है और अमेरिका पढ़ने जा रहे हैं तो वहां आपको फिर से वैक्सीन लगवानी पड़ सकती है. कई अमेरिकी यूनिवर्सिटीज ने कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V लगवा चुके छात्राओ, छात्रों को दोबारा वैक्सीन लगवाने का निर्देश दिया है.
भारत में रहने वालीं 25 साल की मिलोनी दोषी कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री करना चाहती हैं. मिलोनी भारत बायोटेक की तैयार की गई कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुकी हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि कोवैक्सीन को अभी तक डब्ल्यूएचओ से एप्रूवल नहीं मिला है. इसलिए कोलंबिया यूनिवर्सिटी की ओर से उनसे कहा गया है कि जब वो कैम्पस में आएंगी तो उन्हें दोबारा वैक्सीन लगवानी होगी. हालांकि, अभी इस बारे में कोई भी एक्सपर्ट या डॉक्टर ये नहीं कह रहे हैं कि दोबारा वैक्सीन लगवाना कितना सेफ होगा. मिलोनी दोषी अकेली नहीं हैं जिनसे ऐसा कहा गया है, बल्कि ऐसे लाखों छात्राएं और छात्र हैं जो कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V की दोनों डोज ले चुके हैं, लेकिन उनसे अमेरिका आने पर फिर से वैक्सीन लगवाने को कहा गया है. ऐसे में छात्रों में अब ये डर भी सता रहा है कि दो अलग-अलग वैक्सीन लगवाना कितना सेफ होगा?आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए डिफेंस सेक्टर में नए नए एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं. बीते दिनों, यूएस ने एआई कंट्रोल्ड एयरक्राफ्ट के साथ ह्यूमन कंट्रोल्ड फाइटर जेट्स के बीच एयर कॅाम्बैट कराया था. ये एआई की दुनिया में एक बिल्कुल नया प्रयोग था. इस बीच खबर है कि चीन ने भी एक intelligent air combat AI डेवेलप किया है.
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