कोरोना संकट से मोदी सरकार हुई मजबूर, बदलनी पड़ी 16 साल पुरानी ये नीति
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कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थितियों के चलते भारत को अपनी 16 साल पुरानी नीति को बदलना पड़ रहा है. कोरोना संकट के कारण ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य ढांचा चरमराने के बाद भारत ने विदेशों से उपहार, दान और मदद स्वीकार करना शुरू कर दिया है.
कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई स्थितियों के चलते भारत को अपनी 16 साल पुरानी नीति को बदलना पड़ रहा है. कोरोना संकट के कारण ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य ढांचा चरमराने के बाद भारत ने विदेशों से उपहार, दान और मदद स्वीकार करना शुरू कर दिया है. (फाइल फोटो-रॉयटर्स) बाहरी देशों से मदद लेने के मामले में कई और बदलाव किए गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि भारत को अब चीन से ऑक्सीजन संबंधित उपकरणों और जीवन रक्षक दवाओं की खरीद में कोई वैचारिक समस्या नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान से मदद लेने को लेकर नई दिल्ली अभी मानसिक रूप से तैयार नहीं है. हालांकि माना जा रहा है कि भारत, पाकिस्तान से मदद स्वीकार करने वाला नहीं है. इसके अलावा, राज्य सरकारें विदेशी एजेंसियों से जीवन रक्षक उपकरणों और दवाओं की खरीद के लिए भी स्वतंत्र हैं, और केंद्र सरकार रास्ते में नहीं आएगी. (फोटो- भारतीय विदेश मंत्रालय)सुर्ख लिपस्टिक, गहरा काजल, पैरों में घुंघरू और नकली छातियां...मैं रोज इस मेकअप के साथ नाचता. जब उम्र बढ़ी तो मालिक ने मुझे नए 'कमउम्र' लड़के से रिप्लेस कर दिया. अब मेरे पास न काम है, न मर्दों की महफिल में नाचने के अलावा कोई दूसरा हुनर. इतने साल 'बच्चा बरीश' रहते हुए अच्छा खाने-पीने की आदत लग गई थी. अब वो भी नसीब नहीं.
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