कोरोना संकट में धराशायी हुई मोदी की 'टीम इंडिया', हर मुद्दे पर केंद्र बनाम राज्य
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सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी कोविशील्ड वैक्सीन का दाम केंद्र और राज्य सरकार के लिए अलग-अलग तय किए हैं. इसी बात को लेकर विपक्ष और कई गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और वैक्सीन पॉलिसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह पहली बार नहीं है, जब मोदी सरकार और विपक्ष आमने-सामने आए हों बल्कि लॉकडाउन से लेकर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी तक ऐसी आमने-सामने थे.
भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले एक तरफ दुनियाभर में सारे रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ वैक्सीन के दामों को लेकर मोदी सरकार बनाम विपक्ष के बीच विवाद छिड़ गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी कोविशील्ड वैक्सीन का दाम केंद्र और राज्य सरकार के लिए अलग-अलग तय किए हैं. इसी बात को लेकर विपक्ष और कई गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और वैक्सीन पॉलिसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह पहली बार नहीं है, जब मोदी सरकार और विपक्ष आमने-सामने आए हों. इससे पहले लॉकडाउन लगाए जाने से लेकर मजदूरों की घर वापसी तक के मामले में ऐसी ही विवाद देखने को मिला था. केंद्र और राज्य के लिए वैक्सीन के दाम अलग-अलगराजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.