कृषि कानूनों के एक साल: अकाली दल का ब्लैक फ्राईडे, AAP का कैंडल मार्च
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कृषि कानूनों के आए हुए एक साल पूरे हो गए हैं. किसान आंदोलन के चलते पंजाब और यूपी की सियासी तपिश भी बढ़ी है. कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' तो आम आदमी पार्टी पंजाब भर में कैंडल मार्च निकाल रही है. अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल खुब मार्च की अगुवाई कर सियासी संदेश देने की कोशिश की है.
केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के एक साल पूरे हो गए है. इन्हीं कृषि कानूनों के लेकर पंजाब से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन दिल्ली और देश के दूसरे राज्यों तक फैल गया है. किसान आंदोलन के चलते पंजाब और यूपी की सियासी तपिश भी बढ़ी है. कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' तो आम आदमी पार्टी पंजाब भर में कैंडल मार्च निकाल रही है. The protest march today will not only symbolise the farmers' dissent but also be remembered as a historic event that struck at roots of tyranny. Let's unite to mark this day as the beginning of a renewed revolt to bring justice for farmers.#KhatirKisaniDatteAkali @Akali_Dal_ pic.twitter.com/XyCGOYGbqn
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.