कुंभ के दौरान कम से कम 1 लाख कोविड रिपोर्ट फेक दी गईं: रिपोर्ट
The Quint
kumbh fake covid test: हरिद्वार जिला प्रशासन की जांच से पता चला है कि कुंभ मेले के दौरान कम से कम एक लाख कोविड टेस्ट रिपोर्ट फेक बनाई थीं, haridwar administration report says at least 1 lakh fake covid tests conducted during kumbh mela
हरिद्वार जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले कुंभ मेले (kumbh mela) के दौरान फेक कोविड रिपोर्ट जारी करने के आरोपों में जांच का आदेश दिया था. प्राथमिक जांच से संकेत मिले थे कि निजी लैबों ने मेले के दौरान चार लाख टेस्ट में से बड़ी संख्या में कोविड रिपोर्ट (covid test report) फेक जारी की थीं. अब इस मामले में विस्तृत जांच से पता चला है कि कम से कम एक लाख टेस्ट रिपोर्ट एक निजी एजेंसी ने फेक बनाई थीं.टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) ने 1600 पन्नों की इस रिपोर्ट को एक्सेस किया है. TOI की रिपोर्ट बताती है कि एक मामले में सिंगल फोन नंबर से 50 ज्यादा लोगों को रजिस्टर किया गया था.ऐसे ही एक एंटीजन किट से 700 सैंपल टेस्ट किए गए, जबकि इस किट का एक एक्सक्लूसिव नंबर होता है और ये एक बार ही इस्तेमाल करनी होती है. हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर ने कहा है कि वो मामले की जांच कर रहे हैं और सभी एजेंसियों का बकाया पेमेंट अगले आदेश तक रोक दिया गया है.ADVERTISEMENTजांच में क्या पता चला?जांच का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने TOI से कहा, "पता और नाम काल्पनिक थे. हरिद्वार के 'घर नंबर 5' से लगभग 530 सैंपल लिए गए.' क्या एक घर में 500 से ज्यादा लोगों का रहना संभव है?"अधिकारी ने बताया कि फोन नंबर भी फेक थे और दिए गए नंबरों का इस्तेमाल कानपुर, मुंबई, अहमदाबाद जैसी 18 जगहों के निवासी कर रहे थे.TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी ने किन 200 सैंपल कलेक्ट करने वालों को काम पर रखा थाम, उनमें से कई राजस्थान के छात्र और डेटा एंट्री ऑपरेटर थे जो कभी हरिद्वार गए ही नहीं. अधिकारियों का कहना है कि 'ये सिर्फ शुरुआत है' क्योंकि राज्य सरकार ने सैंपल इकट्ठा करने वाली ऐसी आठ अगनियों को काम पर रखा था. हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को कुंभ मेले के दौरान रोजाना कम से कम 50,000 टेस्ट करने के निर्देश दिए थे. मेला हरिद्वार में 1 से 30 अप्रैल तक चला था.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News