
काश पटेल ने ली FBI डायरेक्टर पद की शपथ, भगवद गीता पर हाथ रखकर संभाली जिम्मेदारी
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शपथ ग्रहण समारोह वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस परिसर के आइजनहावर एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग में आयोजित किया गया. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
भारतवंशी और डोनाल्ड ट्रंप के वफादार काश पटेल ने शनिवार को अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (FBI) के निदेशक के पद की शपथ ली. इस दौरान उन्होंने गीता पर हाथ रखकर पद की जिम्मेदारी संभाली. पटेल एफबीआई का नेतृत्व करने वाले नौवें व्यक्ति बने हैं.
शपथ ग्रहण समारोह वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस परिसर के आइजनहावर एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग में आयोजित किया गया. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल की नियुक्ति की सराहना की और एफबीआई एजेंटों के बीच उनकी लोकप्रियता को इसका कारण बताया. ट्रंप ने कहा कि मैं काश पटेल को इसलिए पसंद करता हूं और इस पद पर नियुक्त करना चाहता था क्योंकि एजेंसी के एजेंट उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस पद पर अब तक के सबसे बेहतरीन व्यक्ति साबित होंगे. उनकी नियुक्ति बेहद आसान रही. वह मजबूत और दृढ़ विचारों वाले हैं. ट्रे गौडी ने भी उनकी तारीफ की और कहा कि लोग काश पटेल की काबिलियत को समझ नहीं पाते.
सीनेट में 51-49 से मिली मंजूरी काश पटेल की नियुक्ति को अमेरिकी सीनेट से 51-49 मतों के अंतर से मंजूरी मिली. हालांकि, दो रिपब्लिकन सीनेटर- सुसान कॉलिन्स (मेन) और लिसा मुर्कोव्स्की (अलास्का) ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ मतदान किया.
डेमोक्रेट्स ने जताई ये चिंता काश पटेल पूर्व में एक आतंकवाद विरोधी अभियोजक और रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं, वह एफबीआई की आलोचना करते रहे हैं. उनकी नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेट्स ने चिंता जताई है कि उनके नेतृत्व में एजेंसी की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है. काश पटेल ने क्रिस्टोफर रे की जगह ली है, जिन्हें 2017 में ट्रंप ने नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उनके साथ मतभेद हो गए थे और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
10 साल का होता है एफबीआई निदेशकों का कार्यकाल एफबीआई निदेशकों का कार्यकाल आमतौर पर 10 साल का होता है, ताकि राजनीतिक हस्तक्षेप से बचा जा सके. लेकिन काश पटेल की ट्रंप के साथ करीबी को देखते हुए इस पर सवाल उठ रहे हैं. सीनेटर एडम शिफ ने कहा कि एफबीआई को डोनाल्ड ट्रंप की निजी सेना नहीं बनना चाहिए.

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